नयी दिल्ली. म्यूचुअल फंड कंपनियों से कहा गया है कि वह लाभांश को फिर से ‘इक्विटी लिंक्ड बचत योजनाओं (इएलएसएस) से जुड़े उत्पादों में निवेश अब बंद कर देना चाहिए. अब तक म्यूचुअल फंड इएलएसएस के तहत निवेशकों को ग्रोथ विकल्प और लाभांश विकल्प देते रहे हैं. इसमें लाभांश को फिर से निवेश करने का उप-विकल्प भी शामिल है. इसके तहत लाभांश के तौर पर मिलनेवाली राशि को फिर से योजना में निवेश किया जाता है. हालांकि, इस पर फिर से निवेश किये जाने की तिथि से तीन साल की बंधक अवधि रखी जाती है. सूत्रों ने आज यहां बताया कि लाभांश के फिर से निवेश के विकल्प को बंद करने का निर्देश एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड ऑफ इंडिया (एएमएफआइ) की तरफ से आया है. सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे पर बाजार नियामक सेबी ने एएमएफआइ के साथ विचार-विमर्श किया और इस पर एएमएफआइ की संचालन और अनुपालन समिति ने भी जांच पड़ताल की. इसके बाद यह सुझाव दिया गया है कि इक्विटी लिंक्ड बचत योजनाओं के उत्पादों में लाभांश को फिर से निवेश करने के उप-विकल्प को वापस लिया जाना चाहिए ताकि निवेशकों के बीच किसी प्रकार का भ्रम नहीं हो. नये दिशानिर्देशों के अनुसार जो निवेशक लाभांश प्राप्त नहीं करना चाहते हैं वह लाभांश हस्तांतरण योजना (डीटीपी) को अपना सकते हैं.
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म्यूचुअल फंडों के लाभांश कर बचतवाली योजनाओं में निवेश पर रोक
नयी दिल्ली. म्यूचुअल फंड कंपनियों से कहा गया है कि वह लाभांश को फिर से ‘इक्विटी लिंक्ड बचत योजनाओं (इएलएसएस) से जुड़े उत्पादों में निवेश अब बंद कर देना चाहिए. अब तक म्यूचुअल फंड इएलएसएस के तहत निवेशकों को ग्रोथ विकल्प और लाभांश विकल्प देते रहे हैं. इसमें लाभांश को फिर से निवेश करने का […]
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