18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हटिया स्टेशन. प्लेटफॉर्म पर जाने और आने के लिए महज एक गेट, सुविधाएं नदारद, यात्रियों को होती है परेशानी

रांची: हटिया स्टेशन आने-जाने वाले लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. स्टेशन से प्रतिदिन 34 ट्रेन जाती और आती हैं. यात्री प्रतिदिन परेशानियों से दो-चार होते हैं और रेलवे प्रबंधन को कोसते हुए अपने गंतव्य के लिए रवाना हो जाते हैं. प्लेटफॉर्म पर जाने और आने के लिए महज एक गेट है, जिस कारण लोगों […]

रांची: हटिया स्टेशन आने-जाने वाले लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. स्टेशन से प्रतिदिन 34 ट्रेन जाती और आती हैं. यात्री प्रतिदिन परेशानियों से दो-चार होते हैं और रेलवे प्रबंधन को कोसते हुए अपने गंतव्य के लिए रवाना हो जाते हैं. प्लेटफॉर्म पर जाने और आने के लिए महज एक गेट है, जिस कारण लोगों को काफी परेशानी होती है. प्लेटफॉर्म की कमी के कारण कई ट्रेन रांची स्टेशन से खुलती है. प्लेटफॉर्म संख्या दो पर महज एक स्टॉल है, वह भी अकसर बंद रहता है. ऐसा नहीं है कि रेलवे प्रबंधन को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है.
महज एक प्लेटफॉर्म का प्रयोग : स्टेशन मैनेजर ए तिर्की ने बताया कि हटिया स्टेशन पर तीन प्लेटफार्म हैं. इसमें दो नंबर प्लेटफॉर्म पर पिछले एक माह से कार्य चल रहा है. तीन नंबर पर गाड़ियों की साफ-सफाई होती है. फिलवक्त एक नंबर प्लेटफार्म चालू है. इस पर सवारी गाड़ी और माल गाड़ी दोनों आती-जाती है. एक नंबर प्लेटफार्म खाली होने पर ही ट्रेन को सिग्नल दिया जाता है. ट्रैक खाली नहीं होने पर ट्रेन में विलंब हो जाता है.
एक ही गेट से प्रस्थान और निकासी : हटिया स्टेशन पर प्लेटफॉर्म तक जाने और आने के लिए तीन द्वार बनाये गये हैं. इसमें दो द्वार पर हमेशा ताला लटका रहता है. मेन गेट से लोग आते-जाते हैं. ट्रेन पकड़ने की आपाधापी में कई बार लोग घायल भी हो जाते हैं. सबसे ज्यादा परेशानी बच्चे, बूढ़े और महिलाओं को होती है. इस बाबत रेलवे के अधिकारी ने बताया कि स्टाफ की कमी के कारण एक ही गेट खोला जाता है. तीनों गेट खोलने से टिकट की चेकिंग नहीं हो पायेगी.
पूछताछ काउंटर के पास ही लोग करते हैं आराम : हटिया स्टेशन के मेन गेट के पास पूछताछ, जेनरल टिकट काउंटर है. ट्रेन विलंब होने पर लोग पूछताछ केंद्र के पास ही चादर बिछा कर आराम करते हैं. इससे प्लेटफॉर्म पर आने-जाने वाले लोगों को परेशानी होती है.
आठ कुली हैं प्लेटफॉर्म पर : हटिया स्टेशन पर महज आठ कुली हैं. इस कारण लोगों को काफी परेशानी होती है. देर रात ट्रेन आने पर कुली स्टेशन पर नहीं मिलते हैं. लोगों को खुद ही सामान उठाना पड़ता है.
यात्री को स्टेशन पर छोड़ने पर भी लगता है शुल्क : हटिया स्टेशन में यात्री को छोड़ने पर भी शुल्क देना पड़ता है. अगर कोई दो पहिया या चार पहिया वाहनों से अपने परिजनों को स्टेशन पर छोड़ने आता है, तो उनसे पार्क संचालक शुल्क वसूल लेते हैं. कार पार्किग में गाड़ी खड़ी करने के लिए कोई समय सीमा नहीं है. सिर्फ गाड़ी खड़ा करने पर ही एजेंट परचा देकर राशि की मांग करते हैं.
स्टेशन पर ऑटो चालक से परेशान रहते हैं यात्री : स्टेशन पर सुरक्षा की लचर व्यवस्था के कारण ऑटो चालक प्लेटफॉर्म तक पहुंच जाते हैं. ट्रेन के आने के समय प्लेटफॉर्म पर ऑटो चालक यात्रियों की तलाश में खड़े रहते हैं. राशि का मोल-भाव नहीं होने पर ऑटो चालक सामानों की खींचतान शुरू कर देते हैं. यह सिलसिला पार्किग तक चलता रहता है.
हमेशा जाम रहता है हटिया-बिरसा चौक मार्ग : हटिया स्टेशन पर ट्रेन आने से हटिया-बिरसा चौक मार्ग हमेशा जाम रहता है. ऑटो चालकों द्वारा सड़क पर ही वाहन खड़ा किया जाता है. इससे आने-जाने वाले वाहन व पैदल यात्रियों को काफी परेशानी होती है. सड़क भी टूटी होने से लोग परेशान होते हैं.
प्लेटफॉर्म नहीं होने से रांची से खुलती हैं कई ट्रेन
हटिया स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की कमी के कारण आधा दर्जन से अधिक ट्रेन रांची स्टेशन से खुलती है. इसमें राजधानी एक्सप्रेस, गरीब रथ, बनारस इंटरसिटी, वनांचल एक्सप्रेस, हटिया एलटीटी, रांची-जयनगर, दुमका इंटरसिटी व भागलपुर एक्सप्रेस शामिल हैं. स्टेशन मैनेजर ने बताया प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ने से ही यात्रियों को अच्छी सुविधा मिल सकेगी. इस बाबत वह मासिक रिपोर्ट में कई बार लिखित जानकारी प्रबंधन को दे चुके हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें