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योजना: पोशाक वितरण में हो सकती है परेशानी
रांची: वर्ष 2012-13 के पोशाक वितरण का जिलों ने अब तक उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा नहीं किया है. नौ जिलों ने अब तक शत-प्रतिशत राशि की उपयोगिता नहीं दी है. उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देने के कारण संबंधित स्कूलों में पोशाक वितरण प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकेगी. झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से बार-बार निर्देश दिये जाने […]
रांची: वर्ष 2012-13 के पोशाक वितरण का जिलों ने अब तक उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा नहीं किया है. नौ जिलों ने अब तक शत-प्रतिशत राशि की उपयोगिता नहीं दी है. उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देने के कारण संबंधित स्कूलों में पोशाक वितरण प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकेगी. झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से बार-बार निर्देश दिये जाने के बाद भी अभी तक सभी जिलों ने पोशाक वितरण की राशि का हिसाब नहीं दिया है.
झारखंड शिक्षा परियोजना ने वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए पोशाक वितरण की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है. परियोजना के निर्देश में कहा गया है कि जिन जिलों ने पूर्व की पोशाक वितरण की राशि की उपयोगिता नहीं दी है, उन जिलों में पोशाक वितरण की प्रक्रिया शुरू नहीं की जायेगी.
चतरा, हजारीबाग, गिरिडीह, खूंटी, लोहरदगा, गोड्डा, जामताड़ा, देवघर व पलामू जिलों ने अब तक शत-प्रतिशत राशि की उपयोगिता नहीं दी है. इन जिलों में लगभग पांच करोड़ रुपये बकाया हैं. इनमें से देवघर, हजारीबाग, गोड्डा जिलों में सबसे अधिक बकाया है. देवघर में एक करोड़ 54 लाख, गोड्डा में एक करोड़ 37 लाख, हजारीबाग में एक करोड़ 25 लाख, लोहरदगा में 24 लाख 62 हजार की उपयोगिता बकाया है. शिक्षा परियोजना की ओर से जारी निर्देश के बाद जिलों में उपयोगिता प्रमाणपत्र तैयार करने के कार्य में तेजी आयी है. इस वर्ष राज्य भर में पोशाक के लिए भारत सरकार ने 185 करोड़ रुपये दिये हैं.
इन्हें दी जायेगी पोशाक
राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा आठ तक की सभी छात्रओं, अनुसूचित जाति व जनजाति के लड़कों व बीपीएल लड़कों को पोशाक दी जानी है. शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले कक्षा आठ तक के बच्चों को पोशाक नि:शुल्क देनी है. कक्षा एक से पांच तक के छात्र को हाफ पैंट व शर्ट, छात्र को स्कर्ट एवं शर्ट व कक्षा छह से आठ तक के छात्र के लिए फुल पैंट व शर्ट एवं छात्र को सलवार व कमीज देने का प्रावधान है.
इन्होंने क्रय की थी पोशाक
भारत सरकार के निर्देश के अनुरूप पोशाक क्रय की जिम्मेदारी स्कूल के प्रधानाध्यापक व विद्यालय प्रबंध समिति को दी गयी थी. इस मद से पोशाक खरीदने के लिए कुछ व्यवस्था की गयी थी. पोशाक की राशि विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में ट्रांसफर की गयी थी. पोशाक वितरण के लिए विद्यालयों में क्रय समिति बनायी गयी थी. समिति में विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष, सचिव व विद्यालय से जुड़े अन्य लोगों को शामिल किया गया था. एक बच्चे के लिए अधिकतम 400 रुपये खर्च करना था.
उपयोगिता प्रमाण पत्र तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. बीपीएल बच्चों की पोशाक का उपयोगिता प्रमाणपत्र तैयार नहीं था. इस सप्ताह झारखंड शिक्षा परियोजना को उपयोगिता प्रमाणपत्र सौंप दिया जायेगा.
सुधांशु शेखर मेहता, डीएसइ देवघर
उपयोगिता प्रमाणपत्र तैयार करने का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है. एक-दो दिनों में शत-प्रतिशत राशि की उपयोगिता तैयार हो जायेगी. आठ जनवरी तक इसे झारखंड शिक्षा परियोजना को सौंप दिया जायेगा.
कमला सिंह, डीएसइ गोड्डा
जिले में मात्र तीन स्कूल का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दिया गया है. इन विद्यालयों में विद्यालय प्रबंध समिति के विवाद के कारण उपयोगिता नहीं दिया गया है. जिले में मात्र 1,35,400 का उपयोगिता बाकी है.
अखिलेश चौधरी, डीएसइ चतरा
जिलों को दी गयी राशि व बच्चों की संख्या
जिला बच्चे राशि (हजार)
चतरा 191230 764.92
देवघर 192657 770.63
गिरिडीह 366742 1466.97
गोड्डा 208290 833.16
हजारीबाग 258165 1032.66
लोहरदगा 3635 294.54
पलामू 336963 137.85
खूंटी 75178 300.71
जामताड़ा 258165 408.91
(नोट : राशि हजार में हैं, इनमें से कुछ राशि की उपयोगिता दी गयी है. )
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