गुवाहाटी. एशियन सेंटर फार ह्यूमन राइट्स (एसीएचआर) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2014 में असम में संघर्ष के चलते आतंरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आइडीपी) की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा रही. यह रिपोर्ट प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के बाद तैयार की गयी है और उसमें दावा किया गया है कि असम में तीन लाख से अधिक आइडीपी हैं जो पिछले वर्ष दुनिया में सर्वाधिक है. उनमें से ज्यादातर आदिवासी हैं. एसीएचआर के निदेशक सुहास चकमा ने बताया कि मानवनिर्मित संकट के चलते विस्थापित लोग असम के सोनितपुर, कोकराझाड़, उदलगुड़ी और चिरांग जिलों में राहत शिविरों में हैं. आइडीपी सोनितपुर, कोकराझाड़ और चिरांग जिलों में 23 दिसंबर को एनडीएफबी (एस) द्वारा की गयी 80 से अधिक आदिवासियों की हत्या के बाद से अपना घर-बार छोड़कर अन्यत्र पलायन कर गये हैं. एसीएचआर के अनुसार राज्य सरकार ने इस बात का ख्याल किये बगैर सभी विस्थापित लोगों को मानवीय सहायता देने की अपील की है कि सीधे उनके गांव पर हमला हुआ है या नहीं. उसने उनके पुनर्वास एवं सुरक्षा की भी मांग की है.
असम में हैं सबसे अधिक आंतरिक रूप से विस्थापित
गुवाहाटी. एशियन सेंटर फार ह्यूमन राइट्स (एसीएचआर) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2014 में असम में संघर्ष के चलते आतंरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आइडीपी) की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा रही. यह रिपोर्ट प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के बाद तैयार की गयी है और उसमें दावा किया गया है कि असम […]
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