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नशा के खिलाफ खड़ा हुआ समाज
प्रवीण मुंडा रांची : रांची व आसपास के क्षेत्रों में हड़िया-दारू के खिलाफ अभियान चल रहा है. इसी का परिणाम है कि कांके के रोल व बनहरा जैसे गांवों में हड़िया दारू की बिक्री बंद हो गयी है. मांडर, चान्हो, कांके के कई क्षेत्रों में हड़िया दारू बनानेवालों की शामत आ रही है. हड़िया दारू […]
प्रवीण मुंडा
रांची : रांची व आसपास के क्षेत्रों में हड़िया-दारू के खिलाफ अभियान चल रहा है. इसी का परिणाम है कि कांके के रोल व बनहरा जैसे गांवों में हड़िया दारू की बिक्री बंद हो गयी है. मांडर, चान्हो, कांके के कई क्षेत्रों में हड़िया दारू बनानेवालों की शामत आ रही है. हड़िया दारू बनाने/बेचने वाले कई लोगों ने अपना धंधा बदल दिया है.
पिछले साल कुछ महीने पहले शुरू हुआ यह अभियान स्वत:स्फूर्त आगे बढ़ रहा है. खास बात यह है कि इन अभियानों में महिलाएं सबसे ज्यादा बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा काम करती हैं. उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा पुरुषों की शराबखोरी की लत में जा रहा था, इसके अलावा हड़िया व दारू की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाएं ही हो रही थीं. इस वजह से शराबबंदी के खिलाफ जब मुहिम शुरू हुआ, तो उनका आक्रोश स्वाभाविक तरीके से सामने आया.
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