रांची: हजारीबाग पुलिस की गलती से पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ के एक मामले में वांटेड भाकपा माओवादी के नक्सली नवीन मांझी को मदद मिली है. 27 मई 2012 को नवीन मांझी को गिरफ्तार किया गया था. उसके खिलाफ विष्णुगढ़ थाने में प्राथमिकी (31/06) दर्ज है. वर्ष 2009 में मामले के अनुसंधानक प्रवेश चंद्र सिन्हा ने नवीन मांझी को फरार बताते हुए कोर्ट में चाजर्शीट दाखिल किया था, लेकिन इस नक्सली की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस ने उसे रिमांड पर नहीं लिया.
पुलिस मुख्यालय के अफसरों ने मामले को तब पकड़ा, जब उनके पास वर्ष 2006 में हुए मुठभेड़ में बहादुरी से लड़नेवाले एक सिपाही को गैलेंट्री देने का प्रस्ताव आया. इसके बाद मुख्यालय ने हजारीबाग के एसपी से कहा है कि मामले से जुड़े उन सभी पदाधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाये, जिनकी गलती से नवीन मांझी को रिमांड पर नहीं लिया जा सका.
नवीन मांझी की गिरफ्तारी के बाद से अब तक विष्णुगढ़ थाने में पदस्थापित थानेदारों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाये. इस दौरान वहां पदस्थापित इंस्पेक्टर और डीएसपी से स्पष्टीकरण पूछ कर मुख्यालय को भेजें, ताकि उनके खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की जा सके.