रांची: चुनाव के बाद बनी पूर्ण बहुमत की सरकार को प्रशासनिक हलका एक मौके के रूप में देख रहा है. अब तक सरकार के अस्थिरता से परेशान और ऊब चुके अफसरों में स्थायी सरकार ने काम करने की उम्मीद जगायी है. रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार बनने के बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये कई अफसर वापस लौटना चाहते हैं.
कई ने तो वरीय पदाधिकारियों से बात कर झारखंड वापस लौटने की इच्छा जता भी दी है. वहीं, कुछ अफसर ऐसे भी हैं, जिन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने का विचार त्याग दिया है. वैसे, विधानसभा चुनाव के समय से ही प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे अफसरों का वापस लौटना शुरू हो गया था. आइएएस एसकेजी रहाटे और आइपीएस अनिल पालटा झारखंड लौट गये थे. दोनों प्रतिनियुक्ति अवधि खत्म होने के बाद लौटे हैं.
मुख्यमंत्री ने खुद ही की पहल
फिलहाल, झारखंड कैडर के दर्जन भर से ज्यादा आइएएस और आइपीएस अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. अन्यत्र पदस्थापित अफसरों को वापस बुलाने के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने खुद ही पहल की है. अफसरों से बात कर उन्होंने उनको वापस लौटने को कहा है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने का आवेदन देने के बाद स्थानिक आयुक्त डीके तिवारी ने अब प्रतिनियुक्ति पर जाने का इरादा त्याग दिया है. श्री तिवारी ने कहा कि व्यक्तिगत कारणों से वह अभी प्रतिनियुक्ति पर नहीं जाना चाह रहे हैं. केंद्र सरकार में पदस्थापित निधि खरे व अमित खरे की प्रतिनियुक्ति अवधि अगस्त 2015 में खत्म हो रही है.
अप्रैल 2015 में शैलेश सिंह की प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो रही है. उसके बाद यह अधिकारी वापस लौटेंगे. हालांकि, राज्य सरकार चाहे तो अवधि समाप्त होने के पहले ही उनको बुलाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध कर सकती है. राजीव गौवा, डॉ विनोद अग्रवाल, सुधीर त्रिपाठी, सुनील वर्णवाल व राजीव कुमार के भी वापस लौटने की चर्चा है.
14 आइपीएस हैं केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर
राजीव जैन
निर्मल कौर
डीके पांडेय
परवेज हयात
एमवी राव
पीआरके नायडू
अजय कुमार सिंह
एसए लाटकर
नवीन कुमार सिंह
बलजीत सिंह
आशीष बत्र
मनोज कौशिक
अभिषेक
पंकज कंबोज
जतिन नरवाल
केंद्र में प्रतिनियुक्त आइएएस अधिकारी
आरएस शर्मा
यूके संगमा
डॉ विनोद अग्रवाल
स्मिता चुघ
राजीव गौवा
यूपी सिंह
राजीव कुमार
सुधीर त्रिपाठी
एसके बर्णवाल
अमित खरे
निधि खरे
एमएस भाटिया
शैलेश कुमार सिंह