रांची: राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में अब सुरक्षा का कामकाज होमगार्ड के जवान संभालेंगे. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव बीके त्रिपाठी ने अपनी सहमति भी प्रदान कर दी है. उन्होंने कहा है कि निजी सुरक्षा एजेंसियों से पूरे परिसर की जांच कराना न्यायोचित नहीं है.
सरकार की ओर से निजी सुरक्षा एजेंसी के तहत किये गये समझौते के अनुरूप तीन सौ सुरक्षा कर्मियों का वेतन और अन्य मानदेय दिया जाता था. पर भौतिक निरीक्षण किये जाने पर तैनात किये गये सुरक्षा कर्मियों की संख्या कम पायी गयी. नये आदेश के बाबत रिम्स के निदेशक (प्रभारी) डॉ एसके चौधरी को भी अवगत करा दिया गया है.
सरकार ने करायी थी जांच
स्वास्थ्य विभाग की ओर से वर्तमान में लगायी गयी सुरक्षा कर्मियों की जांच करायी गयी थी. जांच के क्रम में मौके पर कम सुरक्षा कर्मी पाये गये. यह पता चला कि 300 जवानों के विरुद्ध सिर्फ एक सौ ही नियमित रूप से डय़ूटी में लगाये जाते थे. जबकि प्रति माह सरकार की ओर से तीन सौ सुरक्षा कर्मियों की प्रतिनियुक्ति का पैसा दिया जाता था. इसे गंभीरता से लेते हुए विभाग के सचिव ने सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और उन्हें किये जानेवाले भुगतान के बाबत होमगार्ड के जवानों को लगाने का आदेश दिया है.
गैस पाइपलाइन के लिए नहीं मिलेगी राशि
रिम्स परिसर में गैस पाइपलाइन की सुविधा के बाबत सरकार ने छह करोड़ रुपये निर्गत करने पर मनाही लगा दी है. सरकार का मानना है कि बगैर सरकार की इजाजत के रिम्स प्रबंधन ने किसी खास एजेंसी को 11 करोड़ की लागत से गैस पाइपलाइन के माध्यम से गैस की आपूर्ति करने का आदेश दे दिया था.