रांची: शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दर्शन को आये लोगों को बैरंग लौटना पड़ा. वे मोदी को नहीं देख सके. अधिकतर को पता था कि मोदी समारोह में कुछ बोलेंगे नहीं, पर उनका दर्शन हो जाता. उन्हें देखने से राज्य के विभिन्न कोने से लोग आये थे. कई तो डेढ़ -दो किमी पैदल चल कर वहां पहुंचे थे. सबकी निगाहें स्टेज पर मोदी को ढूंढ रही थी. मोदी के नहीं आने की उद्घोषणा भी नहीं हुई थी, इसलिए बार-बार वे मोदी को ही खोज रहे थे.
अंत तक उन्हें मोदी नहीं दिखे. लोगों में यह चर्चा का विषय बन गया कि आखिर मोदी कहां हैं? वे उन्हें खोजते रह गये. अगल-बगल सबसे पूछने लगने, तो पता चला कि वह नहीं आये हैं. इसके बाद लोगों के चेहरे की रौनक कम हो गयी. एक तरफ जहां भाजपा की सरकार बनने की खुशी चेहरे पर थी, वहीं मोदी को नहीं देख पाने का मलाल भी.रामगढ़ से पहुंचे रामलाल महतो कहते हैं : सुबह-सुबह तैयार होकर निकले थे.
सरकार बनने की खुशी काफी थी, पर ज्यादा उत्सुकता थी मोदी जी को देखने की. वहीं रातू के उषामातू से आये दो किसानों ने कहा कि हम तो मोदी के चलते ही आये थे. काम धंधा छोड़ कर. एक बड़े अफसर की पत्नी व बेटा भी मोदी को देखने वहां पहुंचे हुए थे. पत्नी ने बताया बहुत अच्छा लगा. सामने से बढ़िया से समारोह को देखा, पर बड़ा मन था कि मोदी जी को देखें.