रांची : एकीकृत बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रहे डा जगन्नाथ मिश्रा ने कहा है कि झारखंड के सीएम पद को आदिवासी और गैर आदिवासी से जोड़ कर विवादास्पद बनाना निंदनीय व असंसदीय है. लोकतंत्र में संसदीय प्रणाली में पीएम या सीएम पद धर्म, जाति या वर्ग पर आधारित नहीं होता है. निर्वाचित सांसद और विधायक अपने नेता का चुनाव करता है, वहीं पीएम व सीएम बनता है. झारखंड के संबंध में यह कहना कि सीएम आदिवासी ही हो, किसी भी तर्क से उचित नहीं माना जा सकता है. यहां 78 फीसदी गैर आदिवासियों की आबादी है. वर्ष 2000 में झारखंड के गठन से लेकर लगातार 14 वर्षों तक आदिवासी सीएम रहे है. यह पद किसी जाति या धर्म के लिए आरक्षित नहीं होता है. लोकतांत्रिक प्रणाली में कोई भी व्यक्ति पीएम या सीएम बन सकता है. सामाजिक सौहार्द व समरसता के लिए मुख्यमंत्री के पद को विवादास्पद नहीं बनाया जाना चाहिए. झारखंड के निर्माण के लिए आदिवासी व गैर आदिवासी दोनों ने संयुक्त रूप से संघर्ष किया है. दोनों को समान रूप से अधिकार बनता है. गैर आदिवासी अत्यंत पिछड़ी जाति के रघुवर दास का सीएम पद पर निर्वाचित होना राज्य के व्यापक हित में उचित निर्णय हुआ है. पिछले 14 वर्षों से छत्तीसगढ़ राज्य का सर्वांगीण विकास हुआ है, वहीं झारखंड लगातार पिछड़ता गया है. अपार प्राकृतिक संसाधन रहने के बावजूद राज्य का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है.
BREAKING NEWS
झारखंड में सीएम पद विवादास्पद करना उचित नहीं : डा जगन्नाथ मिश्रा (असंपादित)
रांची : एकीकृत बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रहे डा जगन्नाथ मिश्रा ने कहा है कि झारखंड के सीएम पद को आदिवासी और गैर आदिवासी से जोड़ कर विवादास्पद बनाना निंदनीय व असंसदीय है. लोकतंत्र में संसदीय प्रणाली में पीएम या सीएम पद धर्म, जाति या वर्ग पर आधारित नहीं होता है. निर्वाचित सांसद और […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement