जमशेदपुर में एसपी और दुमका आइजी के रुप काम कर चुके हैं.लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, दिया था वीआरएस का आवेदन.प्रमुख संवाददाता, रांचीभारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी डॉ अरुण उरांव वीआरएस लेकर झारखंड आ गये हैं. यहां उन्होंने जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट के रूप में योगदान किया है. उन्होंने कामकाज भी शुरू कर दिया है. डॉ उरांव ने इसके पहले भी वीआरएस के लिए आवेदन दिया था, तब लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए वह वीआरएस लेना चाहते थे. लोहरदगा संसदीय सीट से टिकट नहीं मिलने की वजह से वह सेवा में ही रह गये. डॉ उरांव पंजाब कैडर के आइपीएस अफसर थे. फिलहाल वह आइजी के पद पर थे. अरुण उरांव झारखंड में दो बार राज्य प्रतिनियुक्ति पर रहे. पहली बार उन्होंने जमशेदुपर में एसपी के रुप में लंबे समय तक काम किया. इस दौरान उन्होंने जमशेदपुर में नक्सलियों के खिलाफ जबरदस्त लड़ाई लड़ी थी. नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया. उस वक्त जमशेदपुर के नक्सल प्रभावित नागरिक सुरक्षा समिति (नासुस) ने भी नक्सलियों के खिलाफ मोरचा लिया था. अरुण उरांव जब दूसरी बार राज्य प्रतिनियुक्ति पर झारखंड में आये, तब सरकार ने उन्हें संथाल परगना जोन के आइजी के पद पर पदस्थापित किया. करीब डेढ़ साल तक उन्होंने इस पद पर काम किया. इस दौरान ही वह राजनीतिक दल के संपर्क में आये. पिछले लोकसभा चुनाव में वह चुनाव लड़ना चाहते थे. चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन भी दिया था. लेकिन चुनाव में टिकट नहीं मिला था.
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अरुण उरांव बने जिंदल स्टील के वीपी
जमशेदपुर में एसपी और दुमका आइजी के रुप काम कर चुके हैं.लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, दिया था वीआरएस का आवेदन.प्रमुख संवाददाता, रांचीभारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी डॉ अरुण उरांव वीआरएस लेकर झारखंड आ गये हैं. यहां उन्होंने जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट के रूप में योगदान किया है. उन्होंने कामकाज भी […]
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