रांची: पशुपालन विभाग ने अपना निर्णय बदल लिया है. गत वर्ष विदेशी नस्ल के घोड़े तैयार करने के लिए स्टड (घोड़ों का झुंड) फार्म बनाने की योजना थी. विभाग ने सोचा था कि उन्नत नस्ल के इन घोड़ों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने से राजस्व मिलेगा.
लेकिन अब विभाग ने अपना इरादा बदल लिया है. गत वर्ष सरायकेला में प्रस्तावित स्टड फार्म के लिए तय बजट तीन करोड़ रुपये का प्रावधान इस बार समाप्त कर दिया गया है. अब सिर्फ डॉग ब्रीडिंग फार्म (कुत्ता प्रजनन फार्म) की बात हो रही है. विभाग का मानना है कि आधुनिक समय में कुत्ता पालने का शौक बढ़ा है. खास कर शहरों में विभिन्न विदेशी नस्ल के कुत्ते पालने वाले लोग काफी बढ़े हैं.
इस शौक को बढ़ावा देने व पालतू पशु के तौर पर लोकप्रिय होते कुत्तों के इलाज के लिए पेट क्लिनिक भी खोले जाने हैं. इसके लिए गत वर्ष तीन करोड़ रुपये का बजट था, जिसे इस वर्ष 1.6 करोड़ कर दिया गया है. इसके अलावा जर्मन शेफर्ड, डॉबरमैन, लैब्राडोर, स्प्टिज व ग्रेट डेन जैसे लोकप्रिय नस्ल के कुत्ते पैदा करने के लिए डॉग ब्रीडिंग फार्म के लिए 50 लाख का प्रावधान किया गया है.