रांची: रांची जोन के आइजी एमएस भाटिया ने शुक्रवार को सभी जिलों के एसपी के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने गुमला-लोहरदगा सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दोनों जिलों के एसपी को दिया. साथ ही खूंटी, सिमडेगा व गुमला में पीएलएफआइ के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने को कहा. आइजी श्री भाटिया ने बताया कि बैठक में नवंबर माह तक हुई नक्सली, उग्रवादी और आपराधिक घटनाओं की समीक्षा की गयी.
समीक्षा में पाया गया कि वर्ष 2013 के मुकाबले 2014 में हर तरह की घटनाओं में कमी आयी है. गुमला व लोहरदगा में भी नक्सली घटनाओं में कमी आयी है, लेकिन दोनों जिलों के कुछ हिस्से बिशुनपुर व पेशरार में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने की जरूरत है. इसी तरह खूंटी, सिमडेगा व गुमला जिला में पीएलएफआइ की गतिविधि में कमी आयी है. पिछले वर्ष की तुलना में घटनाएं भी कम हुई हैं, लेकिन और काम करने की जरूरत है.
मई और जून माह में रांची में हत्या की घटनाएं बढ़ी थी, लेकिन अगस्त के बाद हालात सुधरे हैं. कुछ अपराधकर्मी हैं, जिन्हें गिरफ्तार कर या सीसीए लगाकर जेल भेजने की जरूरत है. आइजी ने बताया कि वर्ष 2015 में अपराधियों, उग्रवादियों और नक्सलियों के खिलाफ किस तरह से कार्रवाई की जाये, इसकी रणनीति बनायी गयी. साथ ही इस साल शांतिपूर्ण तरीके से लोकसभा और विधानसभा चुनाव संपन्न कराने के लिए दोनों डीआइजी और सभी एसपी को प्रशस्ति पत्र दिया गया.
बैठक में रांची प्रमंडल के डीआइजी प्रवीण सिंह, कोल्हान के डीआइजी मो नेहाल, रांची के एसएसपी प्रभात कुमार, जमशेदपुर के एसएसपी अमोल वेणुकांत, गुमला के एसपी भीमसेन टूटी, चाईबासा के एसपी नरेंद्र कुमार सिंह, सिमडेगा के एसपी राजीव रंजन सिंह, लोहरदगा के एसपी चोथे मनोज रतन, सरायकेला के एसपी दुर्गा उरांव, खूंटी के एसपी सुदर्शन मंडल उपस्थित थे.