कोर्ट आदेश के बावजूद और समय चाहते थेवरीय संवाददाता देवघर के कुछ चावल मिल मालिकों ने खाद्य आपूर्ति सचिव से मुलाकात की. मिल मालिकों ने सचिव से कहा कि राज्य सरकार से मिले धान के पैसे चुकाने का उन्हें और समय दिया जाये. मिल मालिकों ने सचिव से तीन माह का समय विस्तार मांगा. इस पर सचिव ने कहा कि हाइकोर्ट का आदेश है कि पूरे पैसे 31 दिसंबर तक सरकार को दे दिये जायें, इसलिए वह अपनी ओर से तीन माह तो दूर पैसे चुकाने की अंतिम तिथि एक जनवरी भी नहीं कर सकते. बाद में अन्य विभागीय अधिकारियों ने भी मिल मालिकों को वहां से चलता किया. इधर, कोर्ट के आदेश की अवमानना के लिए पहले दर्ज तीन मामले के बाद तीन और चावल मिलों पर अवमानना का मामला दर्ज किया गया है. सभी मिल देवघर के हैं. इनमें निरंजन राइस मिल, भगवती राइस मिल तथा देवघर राइस मिल, झौसागढ़ी शामिल हैं. इधर, पहले दर्ज अवमानना के बाद जमा किये गये करीब 3.35 करोड़ रु के बाद किसी मिल ने और राशि सरकार का पास जमा नहीं की है. हजारीबाग के एक राइस मिल मालिक ने तो एक विभागीय अधिकारी से कहा कि उन्होंने अभी पैसे जमा नहीं किये हैं तथा करेंगे भी नहीं. गौरतलब है कि राज्य के करीब 130 मिल मालिकों पर सरकार का अभी 161 करोड़ रु बकाया है.
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मिल मालिकों ने सचिव से की फरियाद
कोर्ट आदेश के बावजूद और समय चाहते थेवरीय संवाददाता देवघर के कुछ चावल मिल मालिकों ने खाद्य आपूर्ति सचिव से मुलाकात की. मिल मालिकों ने सचिव से कहा कि राज्य सरकार से मिले धान के पैसे चुकाने का उन्हें और समय दिया जाये. मिल मालिकों ने सचिव से तीन माह का समय विस्तार मांगा. इस […]
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