रांची: राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा पूरे राज्य में 32.93 लाख मामलों का निबटारा किया गया. इसमें 253 करोड़ रुपये का सेटलमेंट किया गया. इसमें प्री लिटिगेशन के मामले शामिल हैं. लोक अदालत में बैंक लोन, बिजली, बीमा के अलावा अन्य विवादित मामले निबटाये गये.
इससे पहले जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस आरआर प्रसाद ने लोक अदालत का उदघाटन किया. इस अवसर पर जस्टिस पटेल ने कहा कि लोक अदालत को जन आंदोलन बनाने की जरूरत है. इसमें जज, वकील व आम लोगों की भूमिका प्रमुख है. इसमें कम पैसे व कम समय में ही विवादित मामले निबटाये जा सकते हैं. साथ ही इसमें कोई जीत या हार नहीं होती है. मामलों का निबटारा आपसी सहमति से तय किया जाता है. इससे संबंध भी बने रहते हैं.
राष्ट्रीय लोक अदालत में महाधिवक्ता आरएस मजूमदार, अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार, विधि सचिव मंगलमूर्ति समेत अन्य गण्यमान्य लोग उपस्थित थे.
10 को लोक अदालत
10 जनवरी को फिर से लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा. राज्य में चुनाव आचार संहिता होने के कारण क ई मामले इसमें शामिल नहीं किये जा सके. इस कारण अगले माह फिर से लोक अदालत लगाने का निर्णय लिया गया.
रियूनियन का सबसे बेहतर मौका : जस्टिस पटेल
झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एवं झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस डीएन पटेल एवं प्रधान न्यायायुक्त एसएच काजमी ने रियूनियन के दौरान तीनों दंपतियों को भावी जीवन के लिए शुभकामना दी. उन्होंने कहा कि रियूनियन (पुनर्मिलन) से बेहतर कुछ नहीं हो सकता. दंपति एक रहे, तभी परिवार में खुशहाली रहती है. आज फिर से मिलने वाले दंपतियों में अरुण एवं वर्तिका, राजेश कुमार श्रीवास्तव एवं मनीषा कुमारी शामिल है. जस्टिस पटेल ने मोटर वाहन दुर्घटना मामले में देवंती नामक विधवा को साढ़े पांच लाख रुपये का चेक भी सौंपा. देवंती के पति ड्राइवर थे, जिनकी सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी.