फोटो – आदिवासी जमीन की सुरक्षा पर लोआडीह मौजा में बैठकसंवाददाता, रांची राजी पड़हा सरना समिति द्वारा लोआडीह मौजा में आदिवासी जमीन की सुरक्षा पर बैठक हुई, जिसमें अधिवक्ता रश्मि कात्यायान ने विचार रखे. उन्होंने कहा कि रीति- रिवाज व परंपरा वाली जमीन, जैसे पहनाई, मुंडई, मुंडारी, भूतखेता, डाली कटारी, सरना आदि सामाजिक जमीन को बचाये रखने में ही आदिवासी संस्कृति की सुरक्षा है. यह जमीन सामुदायिक है और किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं. कानूनन इसकी खरीद- बिक्री नहीं हो सकती. इस जमीन का दाखिल खारिज भी नहीं होता और रजिस्टर – टू में इसका रिकॉर्ड नहीं मिलता. इस अवसर पर लोआडीह मौजा में सामाजिक जमीन पर जबरन कब्जे के संदर्भ में भी चर्चा हुई. वर्तमान पाहन को पदच्युत करने की घोषणा की गयी. नये पाहन का चुनाव सरहुल में किया जायेगा, तब तक मुंडा सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करेंगे.इस मौके पर रवि तिग्गा, संतोष तिर्की, सुनील गाड़ी, राजू लकड़ा, गुलाबचंद बाड़ा, मेघा उरांव, बिरसा भगत, रंजीत टोप्पो, विनय लकड़ा, रवि खलखो, किशोर कच्छप, शनिचरवा उरांव व विभिन्न गांवों के लोग मौजूद थे.
आदिवासी संस्कृति बचाने के लिए सामाजिक जमीन की सुरक्षा जरूरी: कात्यायन
फोटो – आदिवासी जमीन की सुरक्षा पर लोआडीह मौजा में बैठकसंवाददाता, रांची राजी पड़हा सरना समिति द्वारा लोआडीह मौजा में आदिवासी जमीन की सुरक्षा पर बैठक हुई, जिसमें अधिवक्ता रश्मि कात्यायान ने विचार रखे. उन्होंने कहा कि रीति- रिवाज व परंपरा वाली जमीन, जैसे पहनाई, मुंडई, मुंडारी, भूतखेता, डाली कटारी, सरना आदि सामाजिक जमीन को […]
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