नामकुम: पूरे भारत में आइएमएम एक्ट यानी इनफेंट मिल्क सबस्टिट्यूट एक्ट 1992 का सख्ती से अनुपालन नहीं हो रहा है़ इसका सबसे बड़ा कारण कॉरपोरेट लॉबी का देश की व्यवस्था पर हावी होना है़ देश में गरीब तबकों में यह भ्रांति फैल चुकी है कि मां के दूध का कोई विकल्प भी होता है.
ये बातें शुक्रवार को नामकुम स्थित आरसीएच सभागार में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के तत्वावधान में आयोजित उन्नमुखीकरण कार्यशाला में एनआरएचएम के अभियान निदेशक आशिष सिंहमार ने कही.
उन्होंने कहा कि इस कानून के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए सहिया, आंगनबाड़ी सेविकाओं तथा सिविल सजर्नों की भी मदद ली जायेगी़ आयोग की अध्यक्ष रूपलक्ष्मी मुंडा ने कहा कि कंपनियां जानबूझ कर सुनियोजित तरीके से अपने उत्पादों को बेचने के लिए मां के दूध का कोई दूसरा विकल्प लोगों को बताती हैं.