चारा घोटाला
रांची : चारा घ़ोटाले की चल रही जांच की मॉनिटरिंग कर रहे झारखंड हाइकोर्ट ने निचली अदालतों को लंबित मामलों के ट्रायल में तेजी लाने का निर्देश 17 जून को ही दिया था. इसके बाद लोअर कोर्ट में ट्रायल में तेजी आयी है. हाइकोर्ट की खंडपीठ ने ट्रायल कोर्ट में लंबित मामलों की धीमी प्रगति पर नाराजगी भी जतायी थी.
चीफ जस्टिस प्रकाश टाटिया व जस्टिस जया राय की खंडपीठ ने राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद ट्रायल कोर्ट और सीबीआइ को ट्रायल में तेजी लाने का आदेश दिया था. सीबीआइ की प्रगति रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था : ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रायल कोर्ट इस मामले में तेजी नहीं दिखा रहा है, जबकि यह बहुत पुराना मामला है.
इस बात का ध्यान खुद ट्रायल कोर्ट को रखना चाहिए. उसे जनहित याचिका में हाइकोर्ट के आदेश का इंतजार नहीं करना चाहिए, लेकिन इन मामले में विशेष ध्यान नहीं दिया गया है. कोर्ट इस बात को स्पष्ट कर देना चाहता है कि यह टिप्पणी लंबित मामले के त्वरित निष्पादन को लेकर किया जा रहा है, क्योंकि यह काफी पुराने आपराधिक मामलों के लिए जरूरी है.
सीबीआइ की ओर से जब यह बताया गया था कि चारा घोटाले की कांड संख्या आरसी 20 ए/96 में 45 अभियुक्तों में 43 की गवाही पूरी हो चुकी है, कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि इसका उल्लेख 20 मार्च 2013 के आदेश में किया गया है.
इस मामले में कोर्ट का सहयोग करनेवाले एमिकस क्यूरी ने कहा था कि ढाई माह में भी दो अभियुक्तों की ओर से बहस पूरी नहीं हो पायी है. इसके जवाब में सीबीआइ ने कहा था कि एक अभियुक्त के बीमार होने की वजह से विलंब हो रहा है. इस पर कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को ट्रायल में तेजी लाने को कहा था.
– सतीश कुमार –