नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकांे की गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) सितंबर, 2014 तक कुल ऋण के 5.33 प्रतिशत पर पहुंच गयीं. अर्थव्यवस्था मंे सुस्ती तथा अन्य कारणांे मसलन पर्यावरण मंजूरी मंे देरी आदि की वजह से बैंकांे का एनपीए बढ़ा है. वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने शुक्रवार को लोकसभा मंे लिखित जवाब मंे यह जानकारी दी. मार्च, 2014 के अंत तक सरकारी बैंकांे का सकल एनपीए कुल ऋण का 4.72 प्रतिशत था. सिन्हा ने कहा कि बैंकांे का एनपीए बढ़ने की मुख्य वजह अर्थव्यवस्था मंे सुस्ती, वैश्विक अर्थव्यवस्था मंे धीमा सुधार, वैश्विक बाजारांे में अनिश्चितता व पर्यावरण परमिट मंे देरी हैं.
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सरकारी बैंकांे का सकल एनपीए बढ़ा
नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकांे की गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) सितंबर, 2014 तक कुल ऋण के 5.33 प्रतिशत पर पहुंच गयीं. अर्थव्यवस्था मंे सुस्ती तथा अन्य कारणांे मसलन पर्यावरण मंजूरी मंे देरी आदि की वजह से बैंकांे का एनपीए बढ़ा है. वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने शुक्रवार को लोकसभा मंे लिखित जवाब मंे यह […]
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