नयी दिल्ली. कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए तैयारी कर रही टाटा पावर ने कहा है कि कोयला ब्लॉक आवंटन संबंधी दिशा-निर्देशों के मसौदे में और अधिक स्पष्टता होनी चाहिए. कंपनी ने विशेष कर इस्तेमाल करनेवाली परियोजनाओं के लिए टंेडर प्रक्रिया में भागीदारी की पात्रता के लिए न्यूनतम निवेश जरूरतों पर स्थिति स्पष्ट करने को जरूरी बताया है. टाटा पावर के प्रबंध निदेशक अनिल सरदाना ने कहा कि मसौदा दिशा-निर्देश के अनुसार, किसी कंपनी को नीलामी प्रक्रिया में बोली की पात्रता हासिल करने के लिए जरूरी है कि वह बिजली या इस्पात जैसी कोयले का इस्तेमाल करनेवाली परियोजनाओं में लागत के कम से कम 80 प्रतिशत के बराबर निवेश कर चुकी हो. सरदाना ने सवाल उठाया कि यह 80 प्रतिशत क्या है, यह मूल लागत है या संशोधित लागत?’ दिशा-निर्देश मंे यह भी सुझाव दिया गया है कि बिजली इकाई को कोयले की खपत के लिए तैयार होनी चाहिए. सरदाना ने सवाल उठाया कि ,’ ऐसी कितनी इकाइयां तैयार होनी चाहिए एक, दो या सभी इकाइयां. उन्होंने इस काम में सरकार की कम करने और निर्णय लेने की गति की तारीफ की. टाटा पावर ने 2022 तक 18,000 मेगावाट उत्पादन क्षमता के सृजन का लक्ष्य रखा है. इसकी कुल 3000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं पर काम विभिन्न चरणों में चल रहा है.
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कोल ब्लॉक आवंटन गाइडलाइन में स्पष्टता जरूरी : टाटा पावर
नयी दिल्ली. कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए तैयारी कर रही टाटा पावर ने कहा है कि कोयला ब्लॉक आवंटन संबंधी दिशा-निर्देशों के मसौदे में और अधिक स्पष्टता होनी चाहिए. कंपनी ने विशेष कर इस्तेमाल करनेवाली परियोजनाओं के लिए टंेडर प्रक्रिया में भागीदारी की पात्रता के लिए न्यूनतम निवेश जरूरतों पर स्थिति स्पष्ट करने को जरूरी […]
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