रांची: पांच परगना किसान महाविद्यालय (पीपीके कॉलेज), बुंडू राज्य में शिक्षा व्यवस्था की हालत बयां करता है. यह बताता है कि सरकार सूबे के विद्यार्थियों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है. सोमवार 24 नवंबर को प्रभात खबर संवाददाता ने इस महाविद्यालय का जायजा लिया.
छह हजार से अधिक विद्यार्थी (इनमें 40 फीसदी छात्रएं हैं) वाले इस कॉलेज में सोमवार को यहां पदस्थापित 43 स्थायी शिक्षकों में से 32 गायब थे.
प्राचार्य शिव चरण ठाकुर ने बताया कि 13 शिक्षक चुनाव संबंधी प्रशिक्षण में गये हैं. प्राचार्य की बात सही मानें, तो भी 19 शिक्षक सोमवार को कॉलेज नहीं आये. कॉलेज की हालत भी बहुत खराब है. छत जजर्र हो चुकी है. पहली मंजिल के एक हिस्से को डेंजर मान कर इसकी घेराबंदी कर दी गयी है. विद्यार्थियों के अनुसार कॉलेज की लाइब्रेरी में किताब नहीं है. कंप्यूटर लैब काम नहीं करता. क्लास रूम में लगे पंखे काम नहीं करते. पीने के पानी की भी समस्या है. बगैर टेंडर निकाले सीसीटीवी लगाने का काम शुरू हुआ. लेकिन इसका विरोध होने पर काम रोक दिया गया. प्राचार्य ने भी माना कि इस मामले में कॉलेज से चूक हुई है.
चार वर्ष बाद भी नहीं मिले पैसे
प्राचार्य शिव चरण ठाकुर ने कहा कि क्लास रूम में पंखे नहीं लगे, क्योंकि पहले चरण का काम समाप्त होने के चार-पांच साल बाद भी कॉलेज को 5.5 लाख रुपये की दूसरी किस्त नहीं मिली है. य्छत की मरम्मत, खेल मैदान की घेराबंदी, लाइब्रेरी व अन्य जरूरी कार्य कराने के लिए जनवरी माह में विवि को चिट्ठी लिखी गयी. पर आज तक अनुमति नहीं मिली है. जबकि कॉलेज के एकाउंट में विकास कार्य के लिए करीब 70 लाख रुपये पड़े हैं.