वरीय संवाददाता, रांचीराज्य सरकार ने उप राजधानी दुमका में हाइब्रिड प्लैनेटोरियम (तारामंडल) बनाने का काम नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम (एनसीएसएम) कोलकाता को दिया है. यह तारामंडल 29.995 करोड़ की लागत से बनाया जायेगा. दुमका पॉलिटेक्निक परिसर में बननेवाले इस प्लैनेटोरियम के लिए सरकार ने अपनी स्वीकृति भी प्रदान कर दी है. एनसीएसएम को रांची में भी तारामंडल बनाने का काम दिया गया है. सरकार का मानना है कि एनसीएसएम 1978 से ही तारामंडल निर्माण का कार्य करता रहा है. इस संस्था की ओर से कई राज्यों में 11 तारामंडल बनाये गये हैं, जिसमें से नौ का संचालन खुद एनसीएसएम कर रहा है. क्या-क्या होगा प्लैनेटोरियम मेंतारामंडल में क्रिएटिव म्यूजियम डिजाइनर्स के आधार पर सौर मंडल के ग्रहों, उप ग्रहों और अन्य की स्थिति की जानकारी दर्शकों को दी जायेगी. 15 मीटर के गुंबदनुमा तारामंडल में 100-150 लोगों के बैठने की क्षमता होगी. इसमें आधे घंटे का शो चलाया जायेगा और लोगों तथा दर्शकों को सौर मंडल से अवगत कराया जायेगा. रांची में 2016 तक पूरा होगा तारामंडल का कामरांची विज्ञान केंद्र परिसर (चिरौंदी) में भी हाइब्रिड तारामंडल का निर्माण किया जा रहा है. 2013-14 में एनसीएसएम कोलकाता का चयन राज्य सरकार ने किया था. रांची में 26.72 करोड़ की लागत से प्लैनेटोरियम बनाया जा रहा है. 2014-15 में 10 करोड़ रुपये खर्च करने की सरकार की योजना है. शेष राशि 2015-16 में खर्च की जायेगी.
मनोनयन पर एनसीएसएम को मिला दुमका में तारामंडल बनाने का काम
वरीय संवाददाता, रांचीराज्य सरकार ने उप राजधानी दुमका में हाइब्रिड प्लैनेटोरियम (तारामंडल) बनाने का काम नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम (एनसीएसएम) कोलकाता को दिया है. यह तारामंडल 29.995 करोड़ की लागत से बनाया जायेगा. दुमका पॉलिटेक्निक परिसर में बननेवाले इस प्लैनेटोरियम के लिए सरकार ने अपनी स्वीकृति भी प्रदान कर दी है. एनसीएसएम को रांची […]
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