अलग राज्य होने के बाद झारखंड ने 14 वर्षों का सफर तय किया है. इतने दिनों का आंकलन करने पर राज्य की तसवीर निराशाजनक उभरती है. राजनीतिक अस्थिरता से राज्य डगमगाता रहा. भ्रष्टाचार ने भीतर ही भीतर राज्य को खोखला कर दिया. नक्सली घटनाओं में वृद्धि की वजह से गांवों व जंगलों तक विकास कार्य प्रभावित हुए. झारखंड के मूलवासी व आदिवासियों की स्थिति पहले से ज्यादा खराब हुई है. शहरों का विकास भी ढंग से नहीं हुआ. शिक्षा के क्षेत्र में भी जितना विकास होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया. यहां अभी भी उच्च शिक्षा के लिए अच्छे संस्थानों की कमी है. इसकी वजह से हर वर्ष बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को बाहर जाना पड़ता है. यह जरूरी है कि इस बार चुनाव में जनता मतदान करने के लिए निकले. राज्य में एक स्थिर सरकार की जरूरत है. एक ऐसी सरकार, जिसके पास विकास के लिए एक स्पष्ट दृष्टि हो. यदि इस बार जनता अच्छी सरकार चुन पाती है, तो विकास की राह पर राज्य को लाया जा सकता है.डॉ अनुज तिग्गा, लेक्चरर संत पॉल्स कॉलेज
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भ्रष्टाचार ने राज्य को खोखला किया (आपकी राय)
अलग राज्य होने के बाद झारखंड ने 14 वर्षों का सफर तय किया है. इतने दिनों का आंकलन करने पर राज्य की तसवीर निराशाजनक उभरती है. राजनीतिक अस्थिरता से राज्य डगमगाता रहा. भ्रष्टाचार ने भीतर ही भीतर राज्य को खोखला कर दिया. नक्सली घटनाओं में वृद्धि की वजह से गांवों व जंगलों तक विकास कार्य […]
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