राज्य में भरे हैं जर्जर सड़क, पर आवाज नहीं उठाता कोईमनोज लालरांची. विधानसभा चुनाव सामने है. प्रत्याशी चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं. विभिन्न दलों के प्रत्याशी जनता से लुभावने वायदे कर रखे हैं, पर उनके लिए राज्य की जर्जर सड़क प्रमुख मुद्दा नहीं है. अपने घोषणा पत्रों में दलों ने सड़कों की स्थिति को प्राथमिकता नहीं दी है. यदि घोषणा पत्र में सड़क का मुद्दा रहता भी है, तो बाद में यह गौण हो जाता है. मौजूदा जन प्रतिनिधियों (विधायकों) के लिए भी यह मुद्दा बड़ा नहीं है. विधायक रहते हुए भी कई ने जर्जर सड़क को महत्वपूर्ण नहीं माना. यही वजह है कि जर्जर सड़कों पर उनकी आवाज कभी सदन में नहीं उठी. शायद ही कुछ विधायक रहे हैं, जिन्होंने इन सवालों को उठाया है. राज्य में जर्जर सड़कों का हाल (एक नजर में)रांची-चाईबासा मार्ग: इस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है. एनएच 75 एक्सटेंशन की इस सड़क पर बंदगांव के आगे काफी खराब स्थिति है. पूरे जंगल में सड़कें संकीर्ण हैं. पुराने/ जर्जर पुलों से होकर वाहनों का आवागमन होता है. रिंग रोड फेज सात: यह राजधानी रांची के लिए सबसे महत्वपूर्ण सड़क है. इसके बन जाने से रिंग रोड तीन, चार, पांच व छह आपस में जुड़ जायेंगे. इतना ही नहीं एनएच 33 (रांची-जमशेदपुर मार्ग), एनएच 75 इ (रांची-चाईबासा मार्ग), एनएच 23 (रांची-गुमला मार्ग), एनएच 75 (रांची-डालटेनगंज मार्ग) व एनएच 33 (रांची-जमशेदपुर मार्ग) आपस में जुड़ जायेंगे. फ्लाइ ओवर: रांची शहर में तीन फ्लाइ ओवर के निर्माण की योजना थी. इससे शहर में ट्रैफिक की समस्या हल हो जाती. शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरायी हुई नहीं रहती. रांची-टाटा मार्ग: इस सड़क पर काम कई वर्षों से चल रहा है. मधु कॉम को काम दिया गया है. वह धीरे-धीरे कर रहा है. सड़क फिर खराब हो गयी है. जमशेदपुर जाने में घंटों लग रहे हैं.कांटाटोली-बूटी मोड़: इस सड़क की स्थिति खराब है. जगह-जगह पर गड्ढे हैं. जर्जर सड़क होने के कारण आवागमन मुश्किल हो गया है.हजारीबाग-बरही मार्ग : इस सड़क का काम आज भी अधूरा पड़ा है. पांच वर्षों से सड़क का काम चल रहा है, पर पूरा नहीं हुआ. काम करानेवाली कंपनी का भी अता-पता नहीं है.शहर की बाइलेन: रांची शहर के करीब दो दर्जन बाइलेन का हाल बुरा है. इन सड़कों से होकर आनाजाना मुश्किल हो गया है. गाडि़यां उछलते-कूदते चलती हैं. पर किसी भी जन प्रतिनिधि का ध्यान ओर अब तक नहीं गया है. रातू रोड चौड़ीकरण: इस सड़क के चौड़ीकरण का मामला लंबे समय से लटका हुआ है, जबकि इस मार्ग से होकर कई जन प्रतिनिधि आते-जाते हैं और जाम में फंसते रहते हैं.मामला उठा, तो तुरंत बनादुर्गा पूजा से ठीक पहले यहां के जन प्रतिनिधियों ने तीन सड़कों को बनवाने का मामला उठाया था. उन्होंने इसके लिए धरना भी दिया था. प्रतिक्रिया यह हुई कि रातू रोड साई मंदिर से एलपीएन शाहदेव चौक व अपर बाजार की सड़कें बन गयीं.
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जन प्रतिनिधियों के लिए सड़क नही ंहै मुद्दा
राज्य में भरे हैं जर्जर सड़क, पर आवाज नहीं उठाता कोईमनोज लालरांची. विधानसभा चुनाव सामने है. प्रत्याशी चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं. विभिन्न दलों के प्रत्याशी जनता से लुभावने वायदे कर रखे हैं, पर उनके लिए राज्य की जर्जर सड़क प्रमुख मुद्दा नहीं है. अपने घोषणा पत्रों में दलों ने सड़कों की स्थिति को […]
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