31 अक्तूबर की समय सीमा फेल अब कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रहे मिल मालिक लोहरदगा व गोड्डा के जिला सहकारिता पदाधिकारी ने नहीं दी रिपोर्ट वरीय संवाददाता, रांचीराज्य भर के चावल मिल मालिक चावल बेचने के बाद पैसा सरकार को नहीं दे रहे हैं. कुल बकाया करीब 162 करोड़ रुपये है. खाद्य आपूर्ति विभाग ने मिल मालिकों को पूरी रकम 31 अक्तूबर तक भुगतान करने को कहा था. इन्हें चार बराबर किस्तों में पैसे सरकार को देने थे. पर 31 अक्तूबर की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी अभी सरकार का करीब 137 करोड़ रुपये बकाया है. इतनी बड़ी रकम की वसूली के लिए विभाग कोई विशेष प्रयास नहीं कर रहा. मिल मालिकों ने अब तक 162 करोड़ के विरुद्ध सिर्फ 25 करोड़ रुपये ही जमा किये हैं. हैरत तो यह है कि लोहरदगा व गोड्डा के जिला सहकारिता पदाधिकारियों ने सरकार को चावल मिलों की रिपोर्ट ही नहीं दी है. पर सहकारिता विभाग के वरीय अधिकारी उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. खाद्य आपूर्ति सचिव प्रदीप कुमार ने उपायुक्तों को चिट्ठी भेज कर कहा था कि यदि मिल मालिक पैसे देने में आनाकानी करते हैं, तो मिल में दंडाधिकारी तैनात कर स्टॉक चेक किया जाये. यदि वहां धान या चावल का पर्याप्त स्टॉक न मिले, तो उन पर प्राथमिकी दर्ज की जाये. पर ये तमाम निर्देश बेकार साबित हुए. इसके बाद भुगतान में फेल मिल मालिक यह मामला झारखंड हाइकोर्ट में ले गये. इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने 14 सितंबर को आदेश दिया कि मिल मालिक तीन बराबर किस्तों में यह पैसा चुकायें. पहली किस्त 15 अक्तूबर तक, दूसरी 15 नवंबर तक व तीसरी 31 दिसंबर तक देनी है. पर मिल मालिक अब कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रहे हैं. क्या है मामला खरीफ-13 में सरकार ने राज्य भर के किसानों से धान खरीद कर इन मिलों में कुटाई के लिए दिये थे, पर मिल मालिकों ने समय पर सरकार को इसका चावल नहीं दिया. तय समय के बाद सरकार के चावल नहीं लेने से मिलों में रखे चावल खुले बाजार में बेच दिये गये, पर सरकार को भुगतान नहीं किया जा रहा है.
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चावल मिल मालिकों ने 137 करोड़ नहीं लौटाये
31 अक्तूबर की समय सीमा फेल अब कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रहे मिल मालिक लोहरदगा व गोड्डा के जिला सहकारिता पदाधिकारी ने नहीं दी रिपोर्ट वरीय संवाददाता, रांचीराज्य भर के चावल मिल मालिक चावल बेचने के बाद पैसा सरकार को नहीं दे रहे हैं. कुल बकाया करीब 162 करोड़ रुपये है. खाद्य आपूर्ति […]
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