रांची: झारखंड के ग्रामीण ठगों के मायाजाल में फंसे हुए हैं. चिट-फंड का कारोबार करनेवाली गुमनाम कंपनियों ने यहां अपना धंधा फैलाया, माल समेटा और चलते बने. कुछ अब भी वसूली कर रहे हैं. पूरे आंकड़ों को जोड़ें, तो जमा रकम करोड़ों में होगी. रांची के अनगड़ा इलाके में धनबाद की ए-सिक्यूरिटी ने करीब 800 गरीबों से 15 लाख रुपये की ठगी की.
ग्रामीणों को बताया गया था कि वह एक हजार रुपये जमा करें, उन्हें पहले माह 20, फिर 40, फिर 60 व इसी तरह से 80 हजार रुपये तक मिलेंगे. लालच में दिहाड़ी मजदूरों ने इस कंपनी में एक-एक हजार रुपये जमा कराये. चार माह बाद ही कंपनी फरार हो गयी. धनबाद के तीन ठग एलमिना, केके महतो व एस हाजर ने इस घटना को अंजाम दिया.
वहीं गुमला, धनबाद व रामगढ़ सहित अन्य जिलों में काम करनेवाली एक कंपनी ने तो रांची में लगभग 700 एजेंट उतार दिये हैं. ये लोग कोर्ट-टाई पहन कर रुपये जमा करा रहे हैं.
कंपनी के एक प्रतिनिधि के अनुसार, कंपनी के पास दो लाख एकड़ जमीन दूसरे राज्यों में हैं. प्लाटिंग करने के बाद उक्त जमीन की बिक्री होगी. आय का बंटवारा पैसे जमा करनेवालों के बीच होता है. यह पूछने पर कि झारखंड में कितनी जमीन है? प्रतिनिधि ने कहा कि यहां नहीं है, क्योंकि यहां जमीन में लफड़ा है.