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चुनाव प्रचार का हाइटेक अवतार

– प्रचार में तकनीक का हो रहा है जबरदस्त इस्तेमाल- दलों और प्रत्याशियों के लिए प्रचार का इंतजाम कर रही हैं पीआर एजेंसियांउत्तम महतो, रांची राज्य में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. चुनाव में उतरने को लेकर प्रत्याशी कमर कस चुके हैं. हर दल द्वारा प्रत्याशियों की सूची जारी की जा रही है. […]

– प्रचार में तकनीक का हो रहा है जबरदस्त इस्तेमाल- दलों और प्रत्याशियों के लिए प्रचार का इंतजाम कर रही हैं पीआर एजेंसियांउत्तम महतो, रांची राज्य में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. चुनाव में उतरने को लेकर प्रत्याशी कमर कस चुके हैं. हर दल द्वारा प्रत्याशियों की सूची जारी की जा रही है. प्रत्याशी भी अब कम समय में अधिक से अधिक वोटरों तक पहुंच बनाने की जुगत में जुटे हैं. चुनाव में जीत की राह कैसे बुलंद हो इसकी तैयारी चल रही है. ऐसे में चुनाव प्रचार का कार्य अति महत्वपूर्ण हो जाता है. विधानसभा क्षेत्र की आबादी पूर्व की अपेक्षा बढ़ने के कारण प्रत्याशी को हर मतदाता तक पहुंचने में परेशानी होती है. इसे आसान करने के लिए अब राजनीतिक दल और प्रत्याशी तकनीक का सहारा ले रहे हैं. वह ऐसी एजेंसियों की सेवा ले रहे हैं, जो अत्याधुनिक तकनीक का भरपूर इस्तेमाल करते हुए जनसंपर्क करती हैं. प्रचार के लिए फोन और कंप्यूटर जैसी मशीनों का इस्तेमाल करती हैं. चुनाव में प्रत्याशियों के हाइटेक तरीके से मदद उपलब्ध कराने के लिए देश-विदेश की कई बड़ी एजेंसियां झारखंड में काम कर रही हैं. व्हाट्स एप, वॉयस कॉल व मैसेजिंग जोड़ेगा वोटरों कोवर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार से राजनीतिक दलों ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपने प्रचार अभियान को मुकाम दिया था. उसी तर्ज पर इस बार विधानसभा का चुनाव लड़ा जायेगा. प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार का काम देख रही एजेंसी एस्टेरॉयड टेक्नोलॉजी के निदेशक नितेश नागपाल की मानें तो इस बार का चुनाव काफी हाइटेक होने जा रहा है. चुनाव प्रचार में कोई कमी न रहे इसके लिए 81 विधानसभा का पूरा डाटा एकत्र किया गया है. इसमें वोटरों की संख्या के अलावा संबंधित क्षेत्र के लोगों का मोबाइल नंबर का पूरा आंकड़ा मौजूद है. इस बार के विधानसभा चुनाव में सभी नेताओं का ध्यान युवाओं पर है. ऐसे युवाओं को फेसबुक-ट्विटर व व्हाट्स एप के माध्यम से जोड़ा जायेगा. इसके अलावा जिन ग्रामीण क्षेत्र में इंटरनेट की सुविधा नहीं है, ऐसे लोगों से वॉयस कॉल व एसएमएस के माध्यम से संपर्क साधा जायेगा. वाररूम से नजर रखी जायेगी विधानसभा पर प्रत्याशियों के डिमांड पर एजेंसी उन्हें वार रूम भी प्रोवाइड करायेगी. यहां एजेंसी के पांच विशेषज्ञ 24 घंटा स्थिति पर निगरानी रखेंगे. इसके अलावा प्रत्याशी से मिलने आने व जाने वाले लोगों की समस्या व शिकायतों को दर्ज करेंगे. फिर उन्हें प्रत्याशी के समक्ष पेश किया जायेगा. राजनीतिक दलों और नेताओं के चुनाव प्रचार की हाइटेक तकनीक उपलब्ध कराने वाली एजेंसी एस्टेरायड टेक्नोलॉजी के निदेशक नीतेश नागपाल कहते हैं : राज्य के 81 विधानसभा क्षेत्र का डाटा हमने एकत्र किया है. चुनाव प्रचार को लेकर कई प्रत्याशियों से बातचीत चल रही है. प्रत्याशियों के डिमांड के अनुसार हम अपनी सेवा देते हैं. सोशल नेटवर्किंग साइट में प्रचार चलाने के अलावा हम उन्हें वार रूम तक बनाने की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं.

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