18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

यूनियन कार्बाइड के पूर्व प्रमुख वॉरेन एंडरसन नहीं रहे

भोपाल गैस त्रासदी मामले में थे वांछित सितंबर में ही हो गयी थी मौत, अब की गयी पुष्टिएजेंसियां, न्यूयार्कदुनिया की सबसे घातक औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक भोपाल गैस कांड मामले में भारत में वांछित यूनियन कार्बाइड के पूर्व प्रमुख वॉरेन एंडरसन का अमेरिका के फ्लोरिडा में निधन हो गया.त वर्ष 1984 में हुई भोपाल […]

भोपाल गैस त्रासदी मामले में थे वांछित सितंबर में ही हो गयी थी मौत, अब की गयी पुष्टिएजेंसियां, न्यूयार्कदुनिया की सबसे घातक औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक भोपाल गैस कांड मामले में भारत में वांछित यूनियन कार्बाइड के पूर्व प्रमुख वॉरेन एंडरसन का अमेरिका के फ्लोरिडा में निधन हो गया.त वर्ष 1984 में हुई भोपाल त्रासदी में तीन हजार से ज्यादा लोग मारे गये थे. एंडरसन 92 साल के थे. न्यू यार्क टाइम्स की खबर के अनुसार, एंडरसन का निधन फ्लोरिडा स्थित वेरो बीच के एक नर्सिंग होम में 29 सितंबर को ही हो गया था, लेकिन उनके परिवार ने उनके निधन की घोषणा नहीं की थी. इसकी पुष्टि पब्लिक रिकॉर्डों के जरिये हुई. ब्रूकलेन के बढई के बेटे एंडरसन ने यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन के शीर्ष पद तक का सफर तय किया था. भारत सरकार ने एंडरसन के प्रत्यर्पण के लिए कई अनुरोध किये थे और आधिकारिक तौर पर उन्हें भगोड़ा भी घोषित किया था. एक न्यायाधीश ने भी उन्हें ‘भगोड़ा’ कहा था. एंडरसन दुर्घटना के चार दिन बाद भोपाल पहुंचे थे और तत्काल गिरफ्तार कर लिये गये थे. लेकिन जल्दी ही जमानत भरने के बाद, वे फिर कभी मुकदमे का सामना करने के लिए लौटे नहीं.वो काली रात भोपाल त्रासदी की शुरुआत 2-3 दिसंबर 1984 की मध्यरात्रि को उस समय हुई, जब कीटनाशी बनाने वाले संयंत्र में एक रासायनिक अभिक्रिया के चलते जहरीली गैसों का रिसाव हो गया, जो कि आसपास फैल गयीं. मध्यप्रदेश सरकार ने इसके कारण कुल 3,787 मौतों की पुष्टि की थी. गैर सरकारी आकलन का कहना है कि मौतों की संख्या 10 हजार से भी ज्यादा थी. पांच लाख से ज्यादा लोग घायल हो गये थे, बहुतों की मौत फेफड़ों के कैंसर, किडनी फेल हो जाने और लीवर से जुड़ी बीमारी के चलते हुई.प्रत्यर्पण से बच गये वर्ष 1989 में, यूनियन कार्बाइड ने भारत सरकार को इस आपदा के कारण शुरू हुए मुकदमे के निपटान के लिए 47 करोड डॉलर दिये थे. द टाइम्स ने कहा, ‘अमेरिकी सरकार के समर्थन के चलते वह प्रत्यर्पण से बच गये. वह वीरो बीच, ग्रीनविच, कनेक्टिकट और न्यू यार्क के ब्रिजहैंप्टन स्थित अपने घरों को बारी-बारी बदलते हुए और चुपचाप रहते हुए विभिन्न दीवानी मामलों में जारी सम्मनों से चालाकी के साथ बचते रहे.’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें