रांची: हरमू खेल मैदान की घेराबंदी का विरोध शुरू हो चुका है. इस संबंध में राज्यपाल को ज्ञापन देकर काम बंद करवाने की मांग की गयी है. बुधवार को कुछ खेल तथा सामाजिक संगठनों ने मैदान की घेराबंदी कराने के फैसले का विरोध करते हुए राज्यपाल को ज्ञापन देने का निर्णय लिया है.
सभी ने एक स्वर में चहारदीवारी घेरने को फिजूलखर्ची बताया. लोगों की मांग है कि घेराबंदी के लिए उपलब्ध राशि का उपयोग मैदान को खेलने योग्य बनाने, उसमें मिट्टी भरवाने तथा घास लगवाने के लिए हो. एक स्वतंत्र पत्रकार ने सुझाव के साथ राज्यपाल को इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा है.
लेआउट के अनुरूप नहीं है घेराबंदी
वर्ष 2008 में आवास बोर्ड ने हरमू कॉलोनी के ले आउट में परिवर्तन किया था. इसके बाद पीपीपी मोड में बोर्ड ने अपने कई खाली जगहों को निजी बिल्डरों को दे दिया था. हरमू खेल मैदान का आधा उतरी हिस्सा भी बोर्ड ने मोदी कंस्ट्रक्शन कंपनी को बेच दिया था. बाद में सरकार ने बोर्ड की इस कार्रवाई को अवैध बता कर एग्रीमेंट रद्द किया था, लेकिन बोर्ड ने ले आउट प्लान में फिर कोई फेरबदल नहीं की.
पेड़ों का अस्तित्व खतरे में
ठेकेदार द्वारा मैदान के दक्षिणी व पश्चिमी भाग में जेसीबी द्वारा नींव की खुदाई की गयी है. मशीन से खुदाई के दौरान दर्जनों पेड़ों के जड़ कट गये हैं. आंधी-पानी में पेड़ों के गिरने का खतरा बढ़ गया है. वन विभाग की अनुमति के बगैर ठेकेदार ने यह काम किया है.