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कालाधन : सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी 627 खाताधारकों की लिस्ट

बड़े राजनेता-उद्योगपतियों के नाम नहींसूची में आधे भारतीय, आधे एनआरआइभारतीय खाताधारकों के खातों की होगी जांचएजेंसियां, नयी दिल्लीकेंद्र सरकार ने एचएसबीसी बैंक, जिनीवा में खाता रखनेवाले 627 लोगों के नाम बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को तीन बंद लिफाफे में सौंपी. इस सूची के नामों का खुलासा नहीं किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सूची को […]

बड़े राजनेता-उद्योगपतियों के नाम नहींसूची में आधे भारतीय, आधे एनआरआइभारतीय खाताधारकों के खातों की होगी जांचएजेंसियां, नयी दिल्लीकेंद्र सरकार ने एचएसबीसी बैंक, जिनीवा में खाता रखनेवाले 627 लोगों के नाम बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को तीन बंद लिफाफे में सौंपी. इस सूची के नामों का खुलासा नहीं किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सूची को कालेधन मामले की जांच कर रही एसआइटी को आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दी. कोर्ट ने कहा कि एसआइटी ही लिफाफे को खोलेगी और आगे की कार्रवाई करेगी. सूत्रों के मुताबिक एचएसबीसी बैंक की ओर से भारत सरकार को सौंपी गयी 627 विदेशी खाताधारकों की सूची में राजनेताओं और बड़े उद्योगपतियों के नाम नहीं हैं. सरकारी सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. इन 627 खाताधारकों में से आधे भारतीय हैं, जबकि आधे एनआरआइ है. इनमें से केवल 350 खातों की ही जांच होगी. एनआरआइ खाते भारत कर कानूनों के तहत नहीं आते हैं.जनता से मदद लेगी एसआईटीकालेधन की जानकारी के लिए एसआइटी आम जनता से संपर्ककरेगी. इसके तहत वह ई-मेल के जरिये लोगों से काले धन की जानकारी मांगेगी. एसआइटी सूत्रों के अनुसार कई लोग इस मामले में जानकारी देना चाहते हैं, लेकिन वे अपनी पहचान उजागर करना नहीं चाहते जिसके चलते एसआइटी यह कदम उठायेगी. जानकारी लेने के लिए एसआइटी ई-मेल आइडी जारी करेगी.पैसा भारत लाने पर असमंजस350 खातों से पैसा भारत लाने को लेकर भी असमंजस हैं. इन खाताधारकों पर काला धन विदेशी बैंकों में जमा करने पर सरकार की ओर से कार्रवाई का खतरा मंडरा रहा है. सूत्रों का कहना है कि लिस्ट में दिये गये ज्यादातर खाते 2006 से पहले के हैं और इन्हें 1999-2004-05 के दौरान रिकॉर्ड किया गया था. एक खाता तो 1973 का है जो कर चोरी से बाहर आता है. इन खातों में पांच से लेकर 10 करोड़ तक की राशि जमा है. यदि सरकार कड़े कदम उठाते हुए इन खातों को फ्रीज कर देती है तो भी इनमें लगभग न के बराबर पैसा बचेगा, क्योंकि खाताधारकों को पहले ही ऐसी कार्रवाई की जानकारी थी.सभी दोषियों पर होगी कार्रवाईकाले धन मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआइटी) ने कहा कि वह ‘छोटे या बड़े’ सभी दोषियों को पकड़ेगा, साथ ही उसने यह भी स्पष्ट किया है कि विदेश में बैंक खाता रखनेवालों के बारे में गोपनीयता की शर्तों का उल्लंघन नहीं होगा. एसआइटी ने यह भी कहा है कि वह सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में सौंपे गये खाताधारकों के नाम के अलावा और नाम भी जुटा रहा है. एसआइटी के उप-प्रमुख जस्टिस अरिजित पसायत ने कहा,’हमारे लिए कोई छोटा या बड़ा नहीं है. सभी बराबर हैं. जिसने भी इस देश को लूटा है उसे पकड़ा जायेगा और दंडित किया जायेगा. आर्थिक रूप से तथा अन्य तरीकों से भी. यह हम भरोसा दिलाते हैं. हम दोनों (एसआइटी प्रमुख जस्टिस शाह) ऐसा करने के लिए जाने जाते हैं, भले ही लोगों को इससे परेशानी होती हो. काले धन पर एसआइटी के चेयरमैन एमबी जस्टिस शाह ने कहा कि अब तक उन्हांेने देश की कई बड़ी हस्तियों के खिलाफ अनेक मामलों में फैसले किये हैं. उन्होंने टीवी चैनलों से कहा,’हम चिंता नहीं करेंगे कि कौन बड़ा है. हम उनसे देश के निर्धनतम व्यक्ति के समान ही व्यवहार करेंगे.’ ये दोनों सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं.सरकार प्रतिबद्ध : वेंकैयाभोपाल. विदेशों में कालाधन रखनेवालों के नामों को उजागर करने का शोर मचानेवालों पर कालाधन रखने वालों को बचाने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य एवं शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि केंद्र सरकार काले धन को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है. हम उनके नाम भी उजागर करेंगे, लेकिन इसका भी एक सिस्टम है, क्योंकि पूर्ववर्ती सरकार ने इसको लेकर अनेक देशों के साथ संधि कर रखी थी.

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