कांग्रेस-राजद-जदयू का गंठबंधन माना जा रहा तयब्यूरो प्रमुख, रांचीझामुमो-कांग्रेस का गंठबंधन टूटना तय माना जा रहा है. दोनों ही दलों में दूरियां लगातार बढ़ रही हैं. कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी ने भी गंठबंधन को खारिज कर दिया है. प्रदेश कांग्रेस के आला नेताओं ने भी झामुमो के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. कांग्रेस-झामुमो में तना-तनी का माहौल बन रहा है. प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने भी केंद्रीय नेताओं को गंठबंधन में हो रही परेशानी से अवगत करा दिया है. संताल-कोल्हान के सीट बंटवारे के पेंच में गंठबंधन का मामला फंस गया है. संताल परगना में कांग्रेस को पार्टी के बड़े नेताओं की साख बचानी है. झामुमो संताल परगना में कांग्रेस को तीन सीट देना चाहती है, वहीं कांग्रेस आठ सीटों की दावेदारी कर रहा है. कोल्हान के भी तीन से चार सीटों पर मामला फंस रहा है. मिली सूचना के अनुसार कांग्रेस अपने सीटिंग सीट पर जीत को लेकर बहुत आश्वस्त नहीं है. पिछले चुनाव में जिन सीटों में दूसरे स्थान पर रही, वहां दावेदारी है. इसमें भी कांग्रेस-झामुमो के करीब नौ सीट फंस रहे हैं. प्रदेश के नेताओं ने इसका पूरा फीडबैक केंद्रीय नेतृत्व को दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रदेश नेतृत्व से पूरे मामले में बात कर ही गंठबंधन पर फैसला लेंगे. प्रदेश कांग्रेस की चली, तो दोनों दोस्ती के तार टूट सकते हैं.क्या है कांग्रेसी फॉर्मूला कांग्रेस का फॉर्मूला है कि पहले कांग्रेस-झामुमो के बीच 81 सीटों में आधा-आधा बांट लिया जाये.कांग्रेस ने 25 नयी सीटों पर अपनी दावेदारी की है.कांग्रेस का कहना है कि केवल सीटिंग सीट का फॉर्मूला नहीं, जमीनी हकीकत देखें.गंठबंधन में गांठ क्योंझामुमो कोल्हान-संताल परगना में सीट से समझौता नहीं करेगा.पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर कांग्रेसी सीट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं.झामुमो 50 सीट पर दावेदारी कर रहा है.आलमगीर आलम, प्रदीप बलमुचु जैसे कई नेताओं की सीट झामुमो से टकरा रहे हैं. तरकस में झाविमो का भी तीरकांग्रेस के लिए गंठबंधन मजबूरी भी है. कांग्रेस राजद और जदयू के साथ समझौता का खाका पहले तैयार करना चाहता है. इधर कांग्रेस के तरकस में झाविमो का भी तीर है. कांग्रेस के आला नेता बाबूलाल मरांडी से भी संपर्क में है. झामुमो के साथ बात बिगड़ी, तो झाविमो की ओर बढ़ सकते हैं. झाविमो को भी विकल्प की तलाश है. वर्ष 2009 में भी कांग्रेस-झाविमो ने साथ मिल कर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस का एक खेमा पुराने समीकरण के साथ आगे बढ़ना चाहता है. लालू प्रसाद भी होंगे फैक्टरलालू प्रसाद गंठबंधन का खाका तैयार करने में बड़े फैक्टर होंगे. झारखंड में गंठबंधन में लालू प्रसाद की भूमिका होगी. सूचना के मुताबिक लालू प्रसाद गंठबंधन को लेकर गंभीर हैं. वह कांग्रेस के आला नेताओं को तैयार कर रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी उनकी बात हुई है. लालू प्रसाद भाजपा को रोकने के लिए गंठबंधन में झाविमो को भी साथ लाना चाहते हैं. सूचना के मुताबिक झाविमो के एक नेता ने श्री प्रसाद से दिल्ली में मिले थे. दोनों नेताओं के बीच गंठबंधन की बाबत भी बात हुई थी.
झामुमो-कांग्रेस गंठबंधन टूट की कगार पर (चुनाव पेज के लिए….)
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