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भारतीय मूल के अमेरिकी को जेल

नकली मूर्तियां बेचने का जुर्मन्यू यॉर्क. अमेरिका में भारतीय मूल के एक अमेरिकी को करोड़ों डॉलर में नकली कांस्य मूर्तियां बेचने के जुर्म में सजा सुनायी गयी है. इस व्यक्ति ने दावा किया था कि गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की दुनिया में सबसे बड़ी प्रतिमा बनाने के काम में भागीदारी के लिए उसे […]

नकली मूर्तियां बेचने का जुर्मन्यू यॉर्क. अमेरिका में भारतीय मूल के एक अमेरिकी को करोड़ों डॉलर में नकली कांस्य मूर्तियां बेचने के जुर्म में सजा सुनायी गयी है. इस व्यक्ति ने दावा किया था कि गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की दुनिया में सबसे बड़ी प्रतिमा बनाने के काम में भागीदारी के लिए उसे आमंत्रित किया गया है. संघीय अभियोजक प्रीत भराड़ा ने कहा कि मैनहट्टन संघीय अदालत ने क्वींस के 60 वर्षीय ब्रायन रामनारायण को नकली कांस्य प्रतिमाएं 1.1 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य में फरजी तरीके से बेचने की कोशिश के लिए 30 माह जेल की सजा सुनायी. रामनारायण ने कांसे की मूर्तियों को फरजी तरीके से जसपेर जॉन्स, राबर्ट इंडियाना और सेंट क्लेयर सेमीन जैसे प्रख्यात कलाकारों द्वारा बनायी गयी कलाकृति के तौर पर पेश किया. उसे नवंबर 2012 में गिरफ्तार किया गया था और इस साल जनवरी में दोषी करार दिया गया. अमेरिकी जिला जज जॉन कोएल्ट ने उसे रिहाई के बाद तीन साल तक निगरानी में रहने, सभी नकली प्रतिमाएं जब्त करने और पीडि़तों के पक्ष में करीब 70,000 डॉलर चुकाने का आदेश दिया. भारतीय अमेरिकी समुदाय द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में मैडिसन स्कवॉयर गार्डन में आयोजित समारोह में शरीक होने के लिए कोएल्ट ने रामनारायण को विशेष अनुमति दी थी.

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