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महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं कुमुद शाह

फोटो .. सुनील की …महिलाओं को नि: शुल्क प्रशिक्षण देती हैं लेखिका व प्रिंटिंग प्रेस की संचालिका है कुमुद लता रानी, रांची. रांची की कांटाटोली निवासी कुमुद शाह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. विपरीत परिस्थितियों का सामना कर आगे बढ़नेवाली कुमुद महिलाओं को सशक्त कर रही हैं. वह महिलाओ ंको […]

फोटो .. सुनील की …महिलाओं को नि: शुल्क प्रशिक्षण देती हैं लेखिका व प्रिंटिंग प्रेस की संचालिका है कुमुद लता रानी, रांची. रांची की कांटाटोली निवासी कुमुद शाह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. विपरीत परिस्थितियों का सामना कर आगे बढ़नेवाली कुमुद महिलाओं को सशक्त कर रही हैं. वह महिलाओ ंको हस्तकला का नि: शुल्क प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही हैं. शादी के बाद कुमुद का रांची आना हुआ. पति की सेहत हमेशा खराब रहती थी. वर्ष 2007 में उनके पति का देहांत हो गया . दो बच्चों के साथ वह बिल्कुल अकेली पड़ गई. अकेली बच्चों का पढ़ाया. आज उनकी बेटी व बेटा दोनो इंजीनियर बन गये हैं. कुमुद एक लेखिका भी हंै. हंस पत्रिका, समकालीन हस्तक्षेप, सादर इंडिया जैसी पत्रिकाओं में लेख लिखती रही है. हाल ही में उन्होंने मैं आकाश को छू लूंगी कविता संग्रह लिखा है. कुमुद 1997 से कांटाटोली नेताजीनगर में प्रिंटिंग प्रेस चलाती हैं. वह प्रिंटिंग की अच्छी जानकार है. उस जमाने में प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाली यह अकेली महिला थी .आज भी महिला प्रिंटिंग प्रेस संचालिका के रूप में लोग इन्हें ही जानते हैं. वह समाज में भी अपनी भागीदारी निभा रही हैं. इनके निर्देशन में महिलाओं के हाथ के बने बेहतरीन सॉफ्ट ट्वायज का संग्रह देखा जा सकता है. बेबी स्कूल बैग क ा प्रोडक्शन इन्हीं महिलाओं द्वारा कुमुद के घर किया जाता है. राज्य के विभिन्न हिस्सों में इनके बनाये बैग पहंुच रहें हैं. साथ ही घर को डेकोरेट करने के सामान व गिफ्ट आइटम भी बनाये जाते हैं. कुमुद ने दो महिलाओं से अपने घर से काम शुरू किया ,आज उनका काम इतना बढ़ गया है कि 150 से ज्यादा महिलाएं इनसे जुड़ गयी हैं. इनके बनाये गये उत्पादों की मांग ऑनलाइन भी होने लगी है. २नगालैंड की महिला उद्यमियों को भी दे रही हैं मंच कुमुद महिलाओं की मददगार है. कुमुद ना केवल रांची बल्कि नगालैंड की महिला उद्यमियों को भी झारखंड में एक मंच देने का काम कर रही है.नगालैंड की महिलाएं कुमुद को अपने हाथ के बने ड्राइ फ्लावर बना कर बिक्री के लिए भेजती हैं. कुमुद इन फूलों की बिक्री कर उन्हें आय प्रदान करती हैं. विपरीत परिस्थितियां महिलाओं कां मजबूत बना देती हैं : कुमुद कमुद कहती हैं कि विपरीत परिस्थितियां महिलाओं को मजबूत बना देती है. आर्थिक तंगी के कारण मैंने जिन मुश्किलों का सामना किया. मैं नहीं चाहती कि ऐसा दिन कोई और महिला देखे. इसलिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही हूं. उन्हें नि: शुल्क प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ती हूं, ताकि महिलाएं हर परिस्थिति का डट कर सामना कर सके.

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