नयी दिल्ली. देश के हजारों लोगों के हाथों पर सज कर समय बतानेवाली एचएमटी घडि़यां अब जल्द ही इतिहास बन जायेगी. सरकार ने एचएमटी घड़ी का उत्पादन बंद करने का निर्णय लिया है. एचएमटी वर्ष 2000 से घाटे में चल रही है और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पर्याप्त धन की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी, इसलिए सरकार ने इसे बंद करने का निर्णय लिया है. 1961 में जापान की सिटीजन वाच के सहयोग से स्थापित एचएमटी को 2012-13 में 242.47 करोड़, जबकि 2011-12 में 224-04 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था. इस साल के अंत में इसने सरकार से 694.52 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था जिससे कि बकाया और कर्मचारियों की तनख्वाह चुकायी जा सके. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सरकार ने एचएमटी वाचेज और एचएमटी चिनार वाचेज लिमिटेड को बंद करने निर्णय ले लिया है. बोर्ड ऑफ रिकंस्ट्रक्शन ऑफ पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज ने पहले ही इसकी पहल कर दी थी और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने भी इसे सहमति दे दी.
बंद होगा एचएमटी का उत्पादन
नयी दिल्ली. देश के हजारों लोगों के हाथों पर सज कर समय बतानेवाली एचएमटी घडि़यां अब जल्द ही इतिहास बन जायेगी. सरकार ने एचएमटी घड़ी का उत्पादन बंद करने का निर्णय लिया है. एचएमटी वर्ष 2000 से घाटे में चल रही है और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पर्याप्त धन की व्यवस्था नहीं […]
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