रांची: चेन्नई अपोलो अस्पताल का राजधानी में उतरने का सपना जल्द ही साकार होने वाला है. अस्पताल निर्माण को धरातल पर उतारने को लेकर गुरुवार को नगर निगम सीइओ मनोज कुमार ने चेन्नई अपोलो के पदाधिकारी ब्रिगेडियर एस चक्रवर्ती के साथ एकरारनामे पर हस्ताक्षर किया.
श्री चक्रवर्ती ने कहा कि तीन माह में अस्पताल निर्माण का कार्य अपोलो ग्रुप प्रारंभ कर देगा. इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त ज्ञानेंद्र कुमार, डिप्टी सीइओ ओमप्रकाश, ओएस नरेश कुमार सिन्हा, विधि परामर्शी अरविंद कुमार श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे.
सीइओ मनोज कुमार ने कहा कि आज के दिन का इंतजार हम सभी को था. अस्पताल निर्माण का सपना अब साकार होने वाला है. इस अस्पताल से न सिर्फ झारखंड बल्कि बिहार, ओड़िशा व अन्य राज्यों को भी काफी फायदा होगा. चेन्नई अपोलो घाघरा में दो एकड़ जमीन पर 100 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण करायेगा. यहां सभी गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज किया जायेगा. निगम के साथ हुए करार में अपोलो को निगम की यह जमीन 30 वर्षो के लिए दी गयी है.
अस्पताल संचालन के एवज में अपोलो निगम को प्रतिवर्ष अपने टर्नओवर का 0.5 प्रतिशत लाभांश देगा. अस्पताल में नगर निगम के पार्षदों व कर्मचारियों के इलाज के लिए भी विशेष व्यवस्था की जायेगी.
अपोलो के एग्रीमेंट पर इससे पहले मेयर ने लगा दी थी रोक
22 जुलाई को अपोलो के ब्रिगेडियर एस चक्रवर्ती एग्रीमेंट करने के लिए नगर निगम पहुंचे थे. यहां अतिथि के रूप में मेयर आशा लकड़ा को सीइओ ने आमंत्रित किया था. बैठक में मेयर ने यह कहते हुए एग्रीमेंट पर रोक लगा दी थी कि वह पहले एग्रीमेंट को पढ़ेंगी, फिर एग्रीमेंट किया जायेगा. इस दौरान निगम अधिकारियों ने मेयर को समझाया था कि अपोलो अस्पताल को एलओए सीएम ने दिया है. इसके अलावा अस्पताल निर्माण को कैबिनेट से भी मंजूरी मिल चुकी है. इसलिए एग्रीमेंट को पढ़ने के नाम पर रोक नहीं लगायी जाये.
नगर विकास सचिव ने पूछा क्यों हुआ एग्रीमेंट में विलंब
नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह ने निगम सीइओ को पत्र लिख पूछा है कि सरकार के स्तर से सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी इतने दिनों तक अपोलो से एग्रीमेंट क्यों नहीं हुआ.