नामकुम: प्लांडू स्थित हार्प में 21 मई से आयोजित समर कैंप का सोमवार को समापन हो गया. समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कृषि निदेशक (झारखंड सरकार) केके सोन भी शामिल हुए. उन्होंने विभिन्न राज्यों से आये प्रतिभागियों से मुलाकात की व उनके राज्यों में ट्राइबल एग्रीकल्चर से जुड़े कार्यो की जानकारी ली.
संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ शिवेंद्र कुमार ने बताया कि बहुफसलीय कृषि होने के कारण यह पद्धति मैदानी इलाकों में की जाने वाली खेती से भिन्न होती है़ इधर, प्रतिभागियों के सामने इस कैंप के दौरान 56 विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किये गये. कैंप में केरल व छत्तीसगढ़ के उदाहरणों की प्रतिभागियों ने की सराहना
कृषि निदेशक केके सोन ने कहा कि झारखंड में आज भी बीज के लिए दूसरे राज्यों पर आश्रित रहना होता है. बड़े पैमाने पर बीजों का उत्पादन हो, इसके लिए सरकार प्रयासरत है. श्री सोन ने झारखंड स्टेट ट्राइबल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत समूह बना कर विभिन्न राज्यों में हो रहे उत्कृष्ट कार्यो की देखरेख के लिए एक टीम के गठन की भी बात कही.
वहीं समर कैंप के कोर्स डायरेक्टर डॉ आरके सिंह तथा को-ऑर्डिनेटर डॉ विकास दास ने बताया कि आठ राज्यों से आये इन प्रतिभागियों तथा संस्थान के वैज्ञानिकों का फेसबुक में एक ऑन लाइन ग्रुप बनाया गया है, जो नये वैज्ञानिक प्रयोगों व कार्यों की जानकारी एक दूसरे से साझा करेगा.