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सामाजिक समस्या बनता जा रहा है नशापान : डॉ हक (लाइफ में)

सीआइपी में पांच राज्यों के चिकित्सकों का प्रशिक्षण वरीय संवाददातारांची. सीआइपी के पूर्व निदेशक डॉ एस हक निजामी ने कहा कि नशे की लत एक गंभीर सामाजिक समस्या बन गयी है. यह केवल अपने देश की ही नहीं बल्कि विदेश की भी समस्या है. केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान (सीआइपी) में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्होंने यह […]

सीआइपी में पांच राज्यों के चिकित्सकों का प्रशिक्षण वरीय संवाददातारांची. सीआइपी के पूर्व निदेशक डॉ एस हक निजामी ने कहा कि नशे की लत एक गंभीर सामाजिक समस्या बन गयी है. यह केवल अपने देश की ही नहीं बल्कि विदेश की भी समस्या है. केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान (सीआइपी) में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्होंने यह जानकारी दी. पांच राज्यों (झारखंड, बिहार, ओडिशा, प बंगाल और छत्तीसगढ़) के सामान्य चिकित्सकों को नशे की लतवाले मरीजों के इलाज के लिए 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मंगलवार से शुरू हुआ. डॉ निजामी ने कहा कि हाल के दिनों में यह समस्या और भयावह हो गयी है. चिकित्सकों के लिए नशे की लत छुड़ाना चुनौती नहीं है, बल्कि भविष्य में वह फिर से इसका आदी नहीं बने इससे बचाना बड़ी चुनौती है. इस तरह के प्रशिक्षण का लाभ सामान्य चिकित्सकों को मिलेगा. नशा समस्या का समाधान नहींझारखंड सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ मनोज कुमार लाल ने कहा कि नशा किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता. कई लोग समस्या से निपटने का रास्ता नशे में खोजते हैं. यह केवल गरीबों की नहीं बड़े लोगों की भी समस्या है. जब यह समस्या बन जाती है, तो परेशानी बढ़ने लगती है. गरीब कम कीमत पर ज्यादा से ज्यादा नशे का डोज लेना चाहते हैं. इससे उनके स्वास्थ्य को नुकसान होता है. इसका सामाजिक असर भी पड़ता है. पैसा नहीं होने पर अपराधी भी बन जाते हैं. मनुष्य में हर तरह की समस्या से लड़ने की क्षमता है. नशा से परहेज कर समस्या का बेहतर समाधान किया जा सकता है. 11 से 15 साल के बच्चे बनते हैं शिकारअतिथियों का स्वागत करते हुए सीआइपी के निदेशक डॉ डी राम ने कहा कि इस समस्या के लिए संख्या कोई मायने नहीं रखती. अधिक नशा की लत के कारण समाज और परिवार बिखर रहे हैं. 11 से 15 साल के बच्चे ज्यादा इसके शिकार हो रहे हैं. डॉ एसके मुंडा ने बताया कि यह कार्यक्रम नेशनल फंड फॉर कंट्रोल ऑफ ड्रग एब्यूज के सहयोग से हो रहा है. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय से आर्थिक सहयोग मिल रहा है. नशे के पीछे एक व्यक्ति नहीं, पूरा समाज परेशान रहता है. धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के नशा विमुक्ति केंद्र के प्रमुख डॉ सीआरजे खेस ने किया.

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