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काला धन. सरकार के प्रयास का दिखा असर

24,085 संदिग्ध खातों की जानकारी मिली-एसआइटी और आय कर विभाग कर रहा आंकड़ों का विश्लेषण-एक दर्जन से अधिक देशों ने संदिग्ध खातों का विवरण साझा कियासेंट्रल डेस्कतीन साल पहले भारत में काला धन के खिलाफ जो विशेष अभियान चला, उसका असर दिखने लगा है. कई देशों ने अपने यहां भारतीयों के खातों की सूचना देना […]

24,085 संदिग्ध खातों की जानकारी मिली-एसआइटी और आय कर विभाग कर रहा आंकड़ों का विश्लेषण-एक दर्जन से अधिक देशों ने संदिग्ध खातों का विवरण साझा कियासेंट्रल डेस्कतीन साल पहले भारत में काला धन के खिलाफ जो विशेष अभियान चला, उसका असर दिखने लगा है. कई देशों ने अपने यहां भारतीयों के खातों की सूचना देना शुरू कर दिया है. वित्त वर्ष 2013-14 में सरकार को एक दर्जन से अधिक देशों से 24,085 संदिग्ध खातों के विवरण मिले. कुछ आंकड़े ऐसे हैं, जिसमें भारतीय के विदेश स्थित खाते का पूर्ण विवरण है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के जरिये हासिल किये गये सभी आंकड़े आयकर विभाग और केंद्र सरकार द्वारा कालेधन पर गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) को उपलब्ध करा दिये गये हैं. हर स्तर पर इन आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है.ज्ञात हो कि सीबीडीटी ने काले धन के खिलाफ अभियान चलाने के लिए एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन (इओएल) सेल बनाया. इसी सेल के जरिये विदेशों में काला धन जमा करनेवालों का खुलासा हो रहा है.कई देशों से मिली सूचनाएंसबसे ज्यादा 10,372 सूचनाएं न्यूजीलैंड से मिली हैं. इसके बाद स्पेन से 4,169, ब्रिटेन से, 3,164, स्वीडन से 2,404, डेनमार्क से 2,145, फिनलैंड से 685, पुर्तगाल से 625, जापान से 440 और स्लोवेनिया से 44 आंकड़े मिले हैं. ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको, इटली और त्रिनिदाद एंड टोबेगो जैसे देशों ने भी भारत के आग्रह पर कुछ आंकड़े दिये हैं, लेकिन उनका आंकड़ा बहुत कम है.सिंडिकेट बैंक रिश्वतखोरी मामलाकालेधन पर एसआइटी के पास जायेगा मामलाएजेंसियां, नयी दिल्लीसिंडिकेट बैंक के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) एसके जैन के रिश्वतखोरी में पकड़े जाने के मामले पर कालेधन की जांच के लिए एसआइटी की बैठक में चर्चा हो सकती है. इससे भ्रष्टाचार के धन को छुपाने के लिए अपराधियों द्वारा अपनाये जानेवाले तौर-तरीकों को समझा जा सकेगा. माना जा रहा है कि यह भ्रष्टाचार के पैसे को हवाला के जरिये भेजने के मामलों का ‘सटीक उदाहरण’ है. सीबीआइ की जांच में दिखा है कि भूषण स्टील कंपनी के समय से नहीं चुकाये जानेवाले कर्ज को एनपीए या ‘अवरुद्ध ऋण’ नहीं घोषित करने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत कई हाथों के जरिये दो व्यवसायियों को दी गयी, जो जैन के संबंधी थे. यह तरीका अपनाया गया, ताकि रिश्वतखोरी का पता नहीं चल सके. रिश्वत को कारोबार के तहत किया जानेवाला लेन-देन दिखाने की कोशिश की गयी. बाद में पुनीत और विनीत गोढा को यह धन सौंपा गया, जो जैन के रिश्तेदार हैं. इस तरह जैन को सीधे कोई पैसा नहीं दिया गया.सूत्रों के अनुसार, राजस्व खुफिया एजेंसियों ने सूचना दी है कि व्यापार आधारित मनी लांडरिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसमें आयात या निर्यात में कीमत, मात्रा या गुणवत्ता को लेकर गलत सूचनाओं के जरिये धन की हेराफेरी की जाती है. राजस्व खुफिया निदेशालय को पता चला है कि कुछ आयातक फर्जी बिलों के जरिये हांगकांग में अपने विदेशी खातों में धन मंगवा रहे थे. ये खाते मुख्यत: हांगकांग में हैं. डीआरआइ ने 2013-14 में 1,817 करोड़ रुपये से जुड़े ऐसे 296 मामले दर्ज किये थे. इससे एक साल पहले 1,130 करोड़ रुपये के 251 मामले दर्ज हुए थे.यहां बताना प्रासंगिक होगा कि जस्टिस शाह की अध्यक्षतावाली एसआइटी में सीबीआइ के निदेशक, राजस्व सचिव, रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर, खुफिया ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशक, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) और वित्तीय आसूचना इकाई के निदेशक के साथ-साथ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, मादक द्रव्य नियंत्रण ब्यूरो तथा डीआरआइ के प्रमुख शामिल हैं. विदेशी कर एवं कर अनुसंधान प्रभाग-1 के संयुक्त सचिव इसके सदस्य सचिव हैं.

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