झारखंड . अग्रिम का हिसाब नहीं देनेवालों पर होगी प्राथमिकी किस जिले में कितनी राशि का हिसाब बाकी50 करोड़ से ज्यादा रांची, गिरिडीह, हजारीबाग, दुमका, पलामू ,चाईबासा 30-50 करोड़ तक जमशेदपुर, गढ़वा, बोकारो, धनबाद, गुमला, सिमडेगा, सरायकेला30 करोड़ से कम गोड्डा, पाकुड़, चतरा, रामगढ़, लातेहार, खूंटी, कोडरमा, जामताड़ा, साहेबगंज, लोहरदगा, देवघरविधायक व मुख्यमंत्री विकास योजना से निकासी का ब्योरा 878.04 करोड़ रुपये 2000 से फरवरी 2014 तक अग्रिम निकाले गये 559.24 करोड़ रुपये विधायक कोष के थे 318.80 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री विकास योजना मद के थे 80.90 करोड़ रुपये का हिसाब मिला. एजी से इसके समायोजन की प्रक्रिया जारीशकील अख्तर, रांचीविधायक कोष और मुख्यमंत्री विकास योजना मद के 797.14 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं मिल रहा है. इसकी अग्रिम निकासी (एसी बिल) की गयी थी. सरकार ने कोशिश की, पर कोई फलाफल नहीं निकला. सरकार ने अब अग्रिम का हिसाब (डीसी बिल) नहीं देनेवाले अभिकर्ताओं पर प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला लिया है. साथ ही हिसाब देने के लिए जिम्मेदार उपायुक्त और उपविकास आयुक्त के एसीआर का हिस्सा बनाने का निर्णय भी लिया है. नहीं दिया खर्च का हिसाब वर्ष 2000-01 से फरवरी 2014 तक विधायक कोष और मुख्यमंत्री विकास योजना मद से कुल 878.04 करोड़ रुपये की अग्रिम निकासी की गयी. इनमें 559.24 करोड़ रुपये विधायक कोष के और 318.80 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री विकास योजना मद के हैं. नियमानुसार अग्रिम निकासी के खर्च का हिसाब अगले महीने की 10 तारीख तक देना होता है. पर सरकार को अब तक सिर्फ 80.90 करोड़ रुपये का ही हिसाब मिल पाया है. महालेखाकार कार्यालय के साथ इस राशि के समायोजन की प्रक्रिया चल रही है.सरकार हिसाब नहीं जुटा सकी राज्य सरकार ने खर्च का हिसाब जुटाने और महालेखाकार के साथ समायोजन करने के लिए मेसर्स सुनील कुमार शर्मा की एंड कंपनी को मनोनीत किया था. ग्रामीण विकास विभाग के विशेष सचिव बी निजलिंगप्पा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया था. बावजूद इसके सरकार हिसाब नहीं जुटा सकी. अभिकर्ताओं को नोटिस इन पैसोें का हिसाब नहीं मिलने से महालेखाकार ने गंभीर आपत्ति जतायी थी. इसके बाद सरकार ने विधायक कोष और मुख्यमंत्री विधायक योजना मद से अग्रिम निकासी पर पाबंदी लगा दी थी. हालांकि विधायकों के भारी विरोध के कारण सशर्त अग्रिम निकासी की अनुमति दी गयी थी. इसके तहत वित्तीय वर्ष 2013-14 में बकाया हिसाब इस वर्ष आवंटित की जानेवाली राशि से अधिक नहीं होनी चाहिए. पर वित्त विभाग की यह शर्त भी पूरी नहीं हो सकी. इसके बाद सरकार ने अग्रिम लेने और हिसाब नहीं देनेवाले अभिकर्ताओं को नोटिस जारी कर 15 दिनों में हिसाब देने आदेश दिया. निर्धारित समय पर हिसाब नहीं देनेवाले अभिकर्ताओं पर प्राथमिकी दर्ज कराने का फैसला किया गया है.
BREAKING NEWS
विधायक कोष के 797 करोड़ का हिसाब नहीं
झारखंड . अग्रिम का हिसाब नहीं देनेवालों पर होगी प्राथमिकी किस जिले में कितनी राशि का हिसाब बाकी50 करोड़ से ज्यादा रांची, गिरिडीह, हजारीबाग, दुमका, पलामू ,चाईबासा 30-50 करोड़ तक जमशेदपुर, गढ़वा, बोकारो, धनबाद, गुमला, सिमडेगा, सरायकेला30 करोड़ से कम गोड्डा, पाकुड़, चतरा, रामगढ़, लातेहार, खूंटी, कोडरमा, जामताड़ा, साहेबगंज, लोहरदगा, देवघरविधायक व मुख्यमंत्री विकास योजना […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement