Advertisement
रांची : एचइसी की 5.8 एकड़ जमीन पर बनेंगे 1008 लाइट हाउस
एचइसी में दो जगहों पर देखी गयी जमीन, केंद्र की स्वीकृति का इंतजार रांची : राजधानी में एचइसी की 5.8 एकड़ जमीन पर लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत कुल 1,008 छोटी-छोटी आवासीय इकाइयां बनायी जायेगी. नगरीय प्रशासन के निदेशक राजीव रंजन ने बताया कि पूर्व में बजरा क्षेत्र में लाइट हाउस प्रोजेक्ट का निर्माण करने […]
एचइसी में दो जगहों पर देखी गयी जमीन, केंद्र की स्वीकृति का इंतजार
रांची : राजधानी में एचइसी की 5.8 एकड़ जमीन पर लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत कुल 1,008 छोटी-छोटी आवासीय इकाइयां बनायी जायेगी. नगरीय प्रशासन के निदेशक राजीव रंजन ने बताया कि पूर्व में बजरा क्षेत्र में लाइट हाउस प्रोजेक्ट का निर्माण करने की योजना थी.
वहां जमीन भी चयनित कर ली गयी थी. लेकिन, पहुंच पथ की जगह नहीं मिल रही थी. इस वजह से बजरा की जगह एचइसी क्षेत्र में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत आवासीय इकाइयों का निर्माण करने का फैसला लिया गया. अभी एचइसी में दो जगहों पर जमीन देखी गयी है. दोनों ही जगहों पर 5.8 एकड़ जमीन उपलब्ध है. केंद्र सरकार के अधिकारियों की स्वीकृति के बाद दोनों में से किसी एक स्थान पर लाइट हाउस का निर्माण किया जायेगा.
फैक्ट्री में बनेंगे हिस्से, घर होगा असेंबल : लाइट हाउस प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने देश के छह राज्यों का चयन किया है. उसमें से एक झारखंड भी है. अन्य राज्यों में गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश का भी प्रोजेक्ट के लिए चयन किया गया है.
लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत आवासीय इकाइयों के निर्माण में नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा. अब तक निर्माण की इस तकनीक का इस्तेमाल विदेशों में ही किया जाता था. भारत में यह अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है. लाइट हाउस निर्माण में बीम या ढलाई का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. लाइट हाउस के हिस्सों को फैक्ट्री में तैयार किया जाता है. उसके बाद उसे चयनित स्थल पर ले जाकर असेंबल कर आवासीय इकाइयों का निर्माण किया जाता है.
एक आवासीय इकाई पर खर्च होंगे 13 लाख
लाइट हाउस प्रोजेक्ट में प्रति आवासीय इकाइयों पर करीब 13 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है. राज्य सरकार द्वारा आवासीय इकाइयां आवंटित करने के लिए राज्य सरकार कीमत का निर्धारण करेगी. एक आवासीय इकाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रति आवास तीन लाख रुपये दिये जायेंगे. जबकि, राज्य सरकार भी एक लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगी. सूत्रों के मुताबिक एक आवासीय इकाई की कीमत करीब 10 लाख रुपये तक तय की जा सकती है.
Advertisement