सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त किया झारखंड हाइकोर्ट का आदेशनयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने 1989 में टाटा स्टील कंपनी के स्थापना दिवस समारोह के दौरान फैक्टरी के मुख्य द्वार पर हुए अग्निकांड के मामले में टाटा स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक जेजे इरानी के खिलाफ आपराधिक शिकायत शुक्रवार को निरस्त कर दी. इस अग्निकांड में 60 व्यक्ति मारे गये थे. न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति एसए बोबडे की खंडपीठ ने कहा कि यह शिकायत इंसपेक्टर की जानकारी में हादसा आने के तीन महीने बाद दायर की गयी है. अत: इस पर विचार नहीं किया जा सकता है. कानून की धारा 106 के अनुसार कोई भी अदालत इस कानून के तहत दंडनीय अपराध का संज्ञान नहीं लेगा, यदि इसकी शिकायत हादसे की जानकारी इंसपेक्टर को मिलने की तिथि से तीन महीने के भीतर दाखिल नहीं की गयी हो. शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही झारखंड हाइकोर्ट का आदेश निरस्त कर दिया. न्यायालय ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश को बहाल रखा जिसने कहा था कि यह अवधि काल के कारण निषिद्ध है. न्यायालय ने हाइकोर्ट के 15 जून, 2007 के फैसले के खिलाफ इरानी की याचिका पर यह आदेश दिया.क्या है मामला : टिस्को में जेएन टाटा की 150 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह के दौरान तीन मार्च, 1989 को यह दुर्घटना हुई थी. इस आयोजन के लिए फैक्टरी के मुख्य द्वार पर अस्थायी पंडाल लगाये गये थे जिसमे अचानक ही आग लग गयी थी.
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इरानी के खिलाफ आपराधिक शिकायत निरस्त
सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त किया झारखंड हाइकोर्ट का आदेशनयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने 1989 में टाटा स्टील कंपनी के स्थापना दिवस समारोह के दौरान फैक्टरी के मुख्य द्वार पर हुए अग्निकांड के मामले में टाटा स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक जेजे इरानी के खिलाफ आपराधिक शिकायत शुक्रवार को निरस्त कर दी. इस अग्निकांड में 60 […]
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