रांची : अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ (एआइपीटीएफ) के अध्यक्ष रामपाल सिंह ने कहा है कि महंगी शिक्षा बच्चों को पठन-पाठन से दूर कर रही है. वर्तमान परिपेक्ष्य में सरकार को जीडीपी का छह प्रतिशत शिक्षा पर खर्च कर अपना दायित्व निभाना होगा. एआइपीटीएफ की दो दिवसीय बैठक सोमवार को लालपुर स्थित होटल रेन ड्यू में शुरू हुई. इसमें 24 राज्यों और 171 देशों के संगठन एजुकेशन इंटरनेशनल से जुड़े डेलिगेट्स शामिल हुए. सत्र के पहले दिन बच्चों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शिक्षकों की भागीदारी के साथ सरकारी नीतियों पर चर्चा हुई.
श्री सिंह ने नयी शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि हमें यह देखना होगा कि कहीं इसमें भगवा रंग चढ़ाने की कोशिश तो नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि इस साल बजट में शिक्षा पर खर्च होने वाली राशि को पिछले साल से भी कम कर दिया गया है.
संघ ने नयी पेंशन स्कीम की नीतियों की भर्त्सना करते हुए अखिल भारतीय स्तर पर स्कूली शिक्षकों के आंदोलनों को एक मंच पर लाने तथा फेडरेशन को और कारगर बनाने की अपील की. कार्यकारिणी समिति की रांची में पहली बार हो रही इस बैठक में विधायक सीपी सिंह, अंबा प्रसाद ने भी विचार रखे. वहीं इसमें कमलाकांत त्रिपाठी, योगेंद्र तिवारी, बिहार के ब्रजनंदन शर्मा, विश्वनाथ गोराई सहित मलेशिया और ब्रुसेल्स के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भी शामिल हुए.