रांची: राज्य के सरकारी विद्यालयों में खेल को भी पाठय़क्रम में शामिल किया जायेगा. इसके लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू की जायेगी. शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने गुरुवार को झारखंड एकेडमिक काउंसिल सभागार में शिक्षकों के लिए आयोजित कार्यशाला में यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी आवश्यक है. इस माह के अंत या अगले माह में इंटरमीडिएट स्तर पर इंटर स्कूल खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी. स्कूल स्तर से होते हुए यह प्रतियोगिता राज्य स्तर तक होगी. यह प्रतियोगिता झारखंड एकेडमिक काउंसिल के सहयोग से होगी. इंटर स्तर के बाद उच्च विद्यालय व फिर प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी. उन्होंने कहा कि झारखंड में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है. राज्य में विद्यालय स्तर से ही खेल को बढ़ावा दिया जायेगा.
खेल शिक्षकों की होगी नियुक्ति
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में सामान्य शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद खेल शिक्षकों की नियुक्ति शुरू की जायेगी. इसके लिए तैयारी शुरू करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत मध्य विद्यालय में तीन शिक्षकों के पद का प्रावधान किया गया है. इसमें खेल, कला व व्यावसायिक विषय के शिक्षकों की नियुक्ति होगी. झारखंड में 17 हजार बीपीएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी हैं.
आरटीइ में खेल शिक्षक अनिवार्य
शिक्षा के अधिकार अधिनियम में वैसे मध्य विद्यालय जिसमें बच्चों की संख्या 100 से अधिक हैं, उनमें एक खेल शिक्षक का होना अनिवार्य है. झारखंड में वर्ष 2010 से शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी है. इसके बाद भी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है.
1985 में हुई थी 578 शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति
एकीकृत बिहार के समय वर्ष 1985 में 578 शारीरिक शिक्षकों (खेल शिक्षक) की नियुक्ति हुई थी. 578 में से 202 शिक्षक झारखंड में नियुक्त हुऐ थे. इसमें से भी लगभग 76 शिक्षक सेवानिवृत्त हो गये है. शेष शिक्षक भी अगले पांच वर्ष में सेवानिवृत्त हो जायेंगे. इस तरह राज्य के विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है.