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आंंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में मिलेगा रात-दिन पानी

38400 आंगनबाड़ी केंद्र40 हजार से अधिक विद्यालयसौर ऊर्जा पर आधारित होगी जलापूर्ति योजनादीपक, रांचीराज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों और सरकारी स्कूलों में हर समय पानी उपलब्ध कराया जायेगा. राज्य सरकार की ओर से 38,400 आंगनबाड़ी केंद्रों और 40 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में सातों दिन लगातार 24 घंटे पीने का पानी उपलब्ध करायेगी. केंद्र […]

38400 आंगनबाड़ी केंद्र40 हजार से अधिक विद्यालयसौर ऊर्जा पर आधारित होगी जलापूर्ति योजनादीपक, रांचीराज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों और सरकारी स्कूलों में हर समय पानी उपलब्ध कराया जायेगा. राज्य सरकार की ओर से 38,400 आंगनबाड़ी केंद्रों और 40 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में सातों दिन लगातार 24 घंटे पीने का पानी उपलब्ध करायेगी. केंद्र सरकार ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया है. सभी स्कूलों में पीने का पानी और शौचालयों के लिए अलग-अलग पानी की व्यवस्था की जायेगी. केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार 2007 के पहले राज्य के ग्रामीण इलाकों में 38,530 से अधिक विद्यालय थे, इनमेंं से सिर्फ 380 विद्यालयों में ही टैप वाटर की सुविधा विद्यमान थी. इनमेंे 5126 विद्यालयों में लड़कियों के लिए टायलेट, 3351 विद्यालयों में ब्वायज टायलेट और 2848 विद्यालयों में पेयजल की सुविधाएं मिल रही थीं. राज्य सरकार का दावा है कि वर्तमान में 42,687 विद्यालयों में से 39,872 सरकारी विद्यालयों में टायलेट है. जबकि 11,472 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 7652 में टायलेट की सुविधा है. मिली जानकारी के अनुसार राज्य के 38 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में से आधे से अधिक किराये के मकान में चल रहे हैं. केंद्र ने विद्यालयों और आंगनबाड़ी सेंटरों में स्वच्छता अभियान के तहत यह सुविधा बहाल करने को कहा है.सौर ऊर्जा आधारित पंप से मिलेगा पानीराज्य सरकार ने सौर ऊर्जा पर आधारित पेयजलापूर्ति योजना का प्रस्ताव तैयार किया है. इस योजना के तहत आंगनबाड़ी और स्कूलों में पीने का पानी और शौच के लिए दो पानी की टंकियां लगायी जायेगी. चार हजार लीटर और तीन हजार लीटर क्षमता के टैंक में सौर ऊर्जा के एक हॉर्सपावर क्षमता के मोटर से पानी भरा जायेगा. इसके लिए लड़कियों और लड़कों के शौचालय में अलग-अलग पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जायेगी.सरकार ने 3.15 लाख का मॉडल एस्टिमेट तैयार कियाराज्य सरकार की ओर से 3.15 लाख रुपये का मॉडल एस्टिमेट तैयार किया गया है. इसकी तकनीकी और प्रशासनिक स्वीकृति पेयजल और स्वच्छता विभाग की ओर से दी जा रही है. योजना की स्वीकृति मिलने पर निविदा आमंत्रित की जायेगी.

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