झारखंड विधानसभा चुनाव में मिली हार के कारणों की केंद्रीय सभा में की गयी चर्चा
रांची : झारखंडियों की पहचान व संस्कृति की रक्षा के लिए 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति और अधिकारों की बात होनी चाहिए. उक्त बातें आजसू के अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने केंद्रीय सभा में पार्टी नेताओं के साथ कही. उन्होंने कहा कि राज्य की 12.20 लाख जनता ने गांव की सरकार चुनी है. हम संख्या बल में भले कम हैं, पर यकीन मानिए 19 साल के इतिहास में यह आजसू का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. पार्टी नेताओं का मनोबल बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के दबाव में हमने इस बार 53 सीटों पर चुनाव लड़ा, क्योंकि मेरा मानना है कि मैच जीतने के लिए इसे खेलना भी जरूरी होता है.
सुदेश महतो ने कहा कि इस सरकार ने जनता से जो वादे किए हैं, उसे हर हाल में पूरा करेंगे. बैठक में विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा की गयी. इस अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व मंत्री उमाकांत रजक, मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, बुद्धिजीवी मंच प्रमुख डोमन सिंह मुंडा, वरीय नेता संजय बसु मल्लिक, मो हसन अंसारी के अलावा चुनावी प्रत्याशी रहे रौशन लाल चौधरी, मनोज चंद्रा, हरेलाल महतो, यशोदा देवी, राम दुर्लभ सिंह मुंडा, राधाकृष्ण किशोर, कुशवाहा शिवपूजन मेहता, अकील अख्तर, एमटी राजा, शालिनी गुप्ता, माधव चंद्र महतो, गंगा नारायण राय इत्यादि ने भी सभा को संबोधित किया.
इनकी भी रही उपस्थिति : रामजीत गंझू, रामधन बेदिया, काशी नाथ सिंह, अर्जून बैठा, राजेंद्र महतो, बिरसा मुडा, अनंत राम टुडू, संजय जरिका, ताला मरांडी,बुलु रानी सिंह, रामलाल मुंडा, मुटू महतो, हेमलता उरांव, मंगल सिंह सुरेन, भरत काशी साहू, नंदलाल बिरूआ, अनुप पांडेय, वर्षा गाड़ी, अवधेश कुमार सहितकेंद्रीय पदाधिकारी एवं सदस्य, जिला प्रभारी, जिलाध्यक्ष व सचिव, जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य, प्रमुख एवं उपप्रमुख, नगर अध्यक्ष एवं सचिव,तथा सभी अनुषंगी इकाई के केंद्रीय पदाधिकारी एवं जिला के पदाधिकारी शामिल हुए.