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नये विधानसभा भवन में आग लगने का मामला : पड़ताल शुरू, पूरा नहीं किया गया था फायर फाइटिंग का काम

नये विधानसभा भवन में अगलगी की जांच के लिए बनी विभागीय कमेटी रांची : नगड़ी के कूटे में बने नये विधानसभा भवन में आग लगने के बाद इसकी निर्माण प्रक्रिया को लेकर कई तरह सवाल उठ रहे हैं. साथ ही कई तथ्य भी सामने आ रहे हैं. जानकारी मिली है कि भवन निर्माण करनेवाली एजेंसी […]

नये विधानसभा भवन में अगलगी की जांच के लिए बनी विभागीय कमेटी
रांची : नगड़ी के कूटे में बने नये विधानसभा भवन में आग लगने के बाद इसकी निर्माण प्रक्रिया को लेकर कई तरह सवाल उठ रहे हैं. साथ ही कई तथ्य भी सामने आ रहे हैं. जानकारी मिली है कि भवन निर्माण करनेवाली एजेंसी रामकृपाल कंस्ट्रक्शन ने अब तक यहां फायर फाइटिंग (अग्नि सुरक्षा) संबंधी कार्य पूरा नहीं किया है. इसलिए अग्निशमन विभाग ने भवन के लिए फायर फाइटिंग का सशर्त एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी किया था. दरअसल, एजेंसी ने विभाग को भरोसा दिलाया था कि उदघाटन तिथि (12 सितंबर) से पहले बाकी का काम पूरा कर लिया जायेगा.
एक और बात सामने आ रही है कि नये विधानसभा भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास जून 2015 को किया गया था. इसके छह माह बाद रामकृपाल कंस्ट्रक्शन ने भवन का निर्माण कार्य शुरू किया था. लेकिन भवन का नक्शा और ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम से महज एक दिन पहले 11 सितंबर को रांची नगर निगम ने जारी किया था.
विभाग ने 16 बिंदुओं पर दिया था सशर्त एनओसी : अग्निशमन विभाग के अनुसार रामकृपाल कंस्ट्रक्शन ने नौ अगस्त 2019 को पत्र लिखकर अग्नि फायर फाइटिंग से संबंधित सुझाव मांगे थे, जिस पर विभाग ने सुझाव दे दिया था. छह सितंबर 2019 को फिर एजेंसी की प्रतिनिधि मौसमी राय ने विभाग को पत्र लिखकर कहा कि अब भी फायर फाइटिंग का कार्य 10 प्रतिशत बचा हुआ है.
नये विधानसभा भवन का उदघाटन 12 सितंबर को होना है. इसलिए एनओसी दिया जाये. बचा हुआ कार्य 12 सितंबर तक पूरा कर लिया जायेगा. इस पर अग्निशमन विभाग ने 16 बिंदुओं का उल्लेख करते हुए 12 सितंबर से पूर्व कार्य पूरा करने की शर्त पर एनओसी जारी किया था.
जांच टीम से एक सप्ताह में मांगी गयी रिपोर्ट
नये विधानसभा भवन में बुधवार शाम 7:30 बजे के करीब हुई अगलगी की घटना की जांच के लिए भवन निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार ने विभाग के चीफ इंजीनियर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है. कमेटी को अविलंब जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है.
एफएसएल टीम ने लिया सैंपल
अगलगी की जांच के लिए गुरुवार शाम अग्निशमन विभाग के प्रभारी स्टेट फायर ऑफिसर बंधु उरांव के नेतृत्व में एक टीम नये विधानसभा भवन पहुंची. पुलिस के स्तर से भी अगलगी से जुड़े साक्ष्य जुटाने के लिए एफएसएल की टीम मौके पर भेजी गयी. टीम ने वहां से सैंपल एकत्र किया.
क्या है इंटेलिजेंट बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम
इंटेलिजेंट बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग आधुनिक इमारतों में शामिल तकनीक के प्रबंधन के लिए किया जाता है. भवन प्रबंधन प्रणाली को आइबीएमएस बनाने के लिए इंटरनेट और परिष्कृत आइटी बुनियादी ढांचे से इसे जोड़ा जाता है. किसी भवन में स्थापित आइबीएमएस इंटरनेट प्रोटोकॉल (आइपी) के जरियेे एकीकृत की जाती है.
नये विधानसभा भवन में अगलगी की घटना से सरकार को कोई क्षति नहीं हुई है. जो भी क्षति हुई है, वह संवेदक और बीमा कंपनी के बीच का मामला है. जो क्षति हुई है, उसकी मरम्मत एक सप्ताह में कर ली जायेगी. -सुनील कुमार, सचिव, भवन निर्माण विभाग
सामने आयी ये खामियां
अग्निशमन विभाग के निर्देश के बाद भी रामकृपाल कंस्ट्रक्शन ने फायर सेफ्टी संबंधी कार्य 12 सितंबर तक पूरा नहीं किया. फायर सेफ्टी का काम पांच दिसंबर तक भी पूरा नहीं किया गया और घटना घट गयी.
फायर सेफ्टी के लिए दो लाख लीटर स्टोर वाला संप का निर्माण कराया जाना था, जो कि नहीं कराया गया.
घटना हुई, तब फायर सेफ्टी उपकरण का कनेक्शन पानी के पंप से नहीं था.
उठ रहे सवाल
विभाग का दावा -सात दिन में हो जायेगी जले हुए हिस्से की मरम्मत, संवेदक ने कहा -10 दिन में पहले जैसा हो जायेगा भवन
अग्निशमन विभाग ने 12 सितंबर से पहले 16 बिंदुओं पर कार्य पूरा करने की शर्त पर दिया था एनओसी
12 सितंबर को प्रधानमंत्री ने किया था नये विधानसभा भवन का उदघाटन
उदघाटन के एक दिन पहले नगर निगम ने नक्शा पास किया, ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट भी जारी किया था | पेज 04 भी देखें
अगलगी से जो क्षति हुई है, उसकी मरम्मत 10 दिनों में कर दी जायेगी. कार्य का बीमा ओरिएंट इंश्योरेंस कंपनी से कराया गया था. – अमरनाथ झा, जीएम, रामकृपाल कंस्ट्रक्शन
आइबीएमएस की वायरिंग में शॉर्ट सर्किट से लगी थी आग
झारखंड विधानसभा के नये भवन को इंटेलिजेंट बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम (आइबीएमएस) से लैस करने के लिए वायरिंग की गयी थी. अब तक की जांच में पाया गया है कि प्रथम तल्ले पर इसी वायरिंग में सबसे पहले शॉर्ट सर्किट से आग लगी. जिसकी चपेट में पास में रखा फर्नीचर आ गया. इसी से तेजी से बढ़ते हुए आग दूसरे हिस्सों में भी फैल गयी. एफएसएल टीम की जांच के दौरान सैंपल एकत्र किये है. सैंपल की केमिकल टेस्टिंग के बाद यह साफ होगा कि शॉर्ट सर्किट की जगह किसी और ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल कर आग तो नहीं लगायी गयी है. हालांकि, अब तक की जांच में इसकी संभावना नजर नहीं आयी है.

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