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आजसू ने जारी किया विजन डॉक्यूमेंट (संशोधित कॉपी)

दिये नौ मंत्र : सुशासित, सुरक्षित, सुशिक्षित, सुविकसित, सुदर्शन, सुनिर्मल, सुस्वस्थ, सुजलाम सुफलाम और सुकल्याणकारी झारखंड बनेगाविजन डॉक्यूमेंट की खास बातें-नीति आधारित सरकार-न्यूनतम प्रशासनिक हस्तक्षेप, इंस्पेक्टर राज से मुक्ति-सिटिजन चार्टर जारी कर समयबद्ध क्रियान्वयन-10 लाख से अधिक के सभी सरकारी कांटै्रक्ट की इ-टेंडरिंग-मोबाइल आधारित शिकायत निवारण-सभी भूमि रिकार्ड होंगे कंप्यूटराइज्ड-सशक्त लोकपाल-बेहतर पुलिसिंग, कंप्यूटराइज्ड पुलिस नेटवर्क-पुलिस […]

दिये नौ मंत्र : सुशासित, सुरक्षित, सुशिक्षित, सुविकसित, सुदर्शन, सुनिर्मल, सुस्वस्थ, सुजलाम सुफलाम और सुकल्याणकारी झारखंड बनेगाविजन डॉक्यूमेंट की खास बातें-नीति आधारित सरकार-न्यूनतम प्रशासनिक हस्तक्षेप, इंस्पेक्टर राज से मुक्ति-सिटिजन चार्टर जारी कर समयबद्ध क्रियान्वयन-10 लाख से अधिक के सभी सरकारी कांटै्रक्ट की इ-टेंडरिंग-मोबाइल आधारित शिकायत निवारण-सभी भूमि रिकार्ड होंगे कंप्यूटराइज्ड-सशक्त लोकपाल-बेहतर पुलिसिंग, कंप्यूटराइज्ड पुलिस नेटवर्क-पुलिस थानों का आधुनिकीकरण-24 घंटे सुरक्षाबलों की व्यवस्था-ऑनलाइन एफआइआर-संगठित अपराध व अपराधी गिरोहों पर कब्जा-हर प्रखंड में डिग्री कॉलेज, हर जिले में स्पोर्ट्स कॉलेज-ओलिंपिक योग्य खिलाडि़यों का निर्माण-हर घर में रसोई इंधन, हर गांवों में पक्की सड़क-हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्किंग-स्मार्ट हाई टेक सिटी, जाम से मुक्ति-24 घंटे बिजली और पानी-मुख्य शहरों में मोनो और मेट्रो रेल की सुविधा-झुग्गी-झोपडि़यों का पुनर्वास-जमशेदपुर-रांची-बोकारो-धनबाद विशेष औद्योगिक कॉरीडोर-पूरे राज्य में फोर लेन हाइवे-सरल टैक्स प्रणाली-झारखंड आंदोलन का लाइट एंड साउंड शो-सभी नदियों एवं झीलों की सफाई-सड़क के किनारे पेड़ों की कतार-एम्स स्तरीय सुविधायुक्त अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज-मेडिसिटी कॉम्प्लेक्स का होगा निर्माण-गांवों तक इ-मेडिसिन एवं टेली मेडिसिन-लंबित सिंचाई परियोजनाओं का क्रियान्वयन और नदियों को जोड़ा जायेगा-आधुनिक कृषि एवं पशुपालन को बढ़ावा-खाद्य सुरक्षा कानून को लागू किया जायेगा-भूमि, जल तथा वन पर अधिकार का पूर्णत: कार्यान्वयन-विस्थापितों का समयबद्ध पुनर्वासवरीय संवाददाता, रांचीआजसू पार्टी ने अपने विजन डॉक्यूमेंट में 21 वीं सदी के झारखंड निर्माण का संकल्प लिया है. आजसू ने नौ मंत्र सुशासित, सुरक्षित, सुशिक्षित, सुविकसित, सुदर्शन, सुनिर्मल, सुस्वस्थ, सुजलाम सुफलाम और सुकल्याणकारी झारखंड के जरिये झारखंड के नवनिर्माण की बात कही है. सोमवार को होटल बीएनआर चाणक्य में आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो, राज्यसभा सांसद परिमल नथवाणी, पूर्व राज्यसभा सांसद साबिर अली, विधायक चंद्रप्रकाश चौधरी, कमल किशोर भगत, नवीन जायसवाल, उमाकांत रजक व रामचंद्र साहिस की उपस्थिति में विजन डॉक्यूमेंट को जारी किया गया. क्या है विजन डॉक्यूमेंट मेंडॉक्यूमेंट में जनसेवा समर्पित सरकार की कल्पना की गयी है, जो नीति आधारित हो, जहां न्यूनतम प्रशासनिक हस्तक्षेप हो, इंस्पेक्टर राज से मुक्ति और सीएम सचिवालय से लेकर ग्राम पंचायत तक इ-गवर्नेंस की बातें कही गयी हैं. आजसू ने सशक्त लोकपाल और फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से भ्रष्टाचार नियंत्रण की बातें कही हैं. डॉक्यूमेंट के बारे में एक प्रेजंटेशन के माध्यम से राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हेमलता एस मोहन ने विस्तार से जानकारी दी. पार्टी ने जनसंख्या के आधार पर नये पुलिस थानों के निर्माण, कंप्यूटराइज्ड पुलिस नेटवर्क, राजमार्गों पर विशेष सुरक्षा बल व सक्रिय सामुदायिक पुलिस के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा की बात कही है. शिक्षा के क्षेत्र का जिक्र करते हुए हर गांव में नि:शुल्क व अनिवार्य हाइस्कूल, हर जिले में स्पोर्ट्स कॉलेज, हर प्रखंड में डिग्री कॉलेज, ललित कला एकेडमी जैसी बातों का जिक्र किया गया है. गांवों में बिजली, सड़क, परिवहन की सुविधा की बातें कही गयी हैं. आजसू द्वारा स्मार्ट, हाइ टेक सिटी, जाम मुक्त ट्रैफिक की बातें भी कही गयी हैं. पार्टी द्वारा पर्यटन, नदियों की सफाई, वृक्षारोपण की बातें कही गयी हंै. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी विश्वस्तरीय सुविधा बढ़ाने की बात कही गयी है. झारखंड को मॉडल स्टेट बनाना है : सुदेश महतोआजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि विजय डॉक्यूमेंट में 21 वीं सदी के झारखंड के निर्माण का संकल्प लिया गया है. झारखंड को मॉडल स्टेट बनाने का पार्टी ने संकल्प लिया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए सकारात्मक सोच के साथ लोग आगे आयें तभी झारखंड का नवनिर्माण हो सकेगा. आजसू ने झारखंड के प्रति अपनी जिम्मेवारी को समझा है, यही वजह है कि राज्य का निर्माण कैसा होना चाहिए, इस पर अपनी सोच जाहिर की है. उन्होंने कहा कि कमियों की आलोचना करने से कुछ नहीं होगा बल्कि कमियों से बाहर निकल कर आगे की सोचना होगा. उन्होंने कहा कि एक बार जब वह गुजरात गये थे तब चार दिनों तक वहां रहे, लोगों से मिले. प्रतिमाह छह से सात हजार रुपये कमाने वाले लोग भी राज्य की शिकायत नहीं करते हैं. यहां इसके विपरीत सत्ता में बैठे लोग भी राज्य की आलोचना करने से नहीं थकते. इस सोच को बदलना होगा. सकारात्मक वातावरण बनाना होगा. उन्होंने कहा कि यह विडंबना ही है कि राष्ट्रीय फलक पर झारखंड का कोई नेता उभर नहीं आ सका है. झारखंड, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ राज्य एक साथ बने थे. उन्हें विश्वास था कि झारखंड तेजी से विकास करेगा लेकिन आज राज्य निचले पायदान पर है. उन्होंने कहा कि राज्य की स्थिति देख विश्वास टूटता जा रहा है, लेकिन इसे टूटने मत दीजिए. पीछे न देख कर आगे बढ़ें. कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री महतो ने कहा कि यह सही है कि गंठबंधन में सरकारें चलती हैं. चुनाव के बाद यदि ऐसी नौबत आयी भी तो कोई भी दल उनके प्रदेश के इस विजन से इनकार नहीं कर सकता. यह सब कैसे पूरा होगा, इस बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जो सपना देखता है, वही सपना पूरा भी करता है. झारखंड के भी अच्छे दिन आयेंगे : परिमल नथवाणीराज्यसभा के सांसद परिमल नथवाणी ने कहा कि सभी विचारधारा मिल कर काम करेंगे तो झारखंड में भी अच्छे दिन आयेंगे. उन्होंने सुदेश महतो के संदर्भ में कहा कि वह पहले भी बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों के साथ गंठबंधन में रह चुके हैं. दोनों विचारधारा के मिलने पर अच्छे दिन दूर नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यदि लीडरशिप में भ्रष्टाचार की भावना नहीं होगी तो कोई काम मुश्किल नहीं होगा. एमपी लैड के खर्च न होने पर उन्होंने कहा कि लिख कर देने के बावजूद ऐसा नहीं होता. वह अब पीआइएल करने पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह दिन झारखंड के लिए नयी उम्मीद पैदा करने का दिन है. आजसू रिजनल पार्टी है पर तमिलनाडु व कर्नाटक जैसे राज्यों में रिजनल पार्टी ने ही विकास किया है. श्री नथवाणी ने कहा कि झारखंड की दिशा और दशा खराब हो गयी है. लोगों की सारी उम्मीदें टूट गयी हैं. गुजरात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां तीन साल तक अफसरों का तबादला नहीं होता, पर काम न करने वाले अफसरों पर कार्रवाई भी होती है. हर तीन माह पर मॉनीटरिंग होती है. अफसरों से योजना के बाबत आइडिया लिये जाते हैं. यही वजह है कि आज गुजरात के हर गांव में 24 घंटे बिजली है. श्री नथवाणी ने कहा कि झारखंड युवा है, लोगों में फ्रस्ट्रेशन है, पर उम्मीद भी है. श्री नथवाणी ने कहा कि झारखंड में लैंड बैंक बनाने की जरूरत है. उद्योग नहीं होगा तो रोजगार कैसे होगा. उन्होंने कहा कि यदि लीडरशिप में करप्शन नहीं होगा तो कोई भी काम ऐसा नहीं है जो नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि यह चिंता की बात है कि झारखंड से पैसा वापस जा रहा है. अब इसके लिए आंदोलन की जरूरत है कि विकास योजना की राशि खर्च हो. विजन पर अमल करें : साबिर अलीपूर्व राज्यसभा सांसद साबिर अली ने कहा कि विजन बेहतर है, पर इसे अमल लाने पर ही राज्य का विकास हो सकता है. जब तक अफसरों व मंत्रियों की साझेदारी नहीं होगी तब तक भ्रष्टाचार नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि उन्हें याद है जब झारखंड अलग हुआ था तब 2500 करोड़ का सरप्लस बजट बना था. आखिर ऐसा क्या हुआ जो राज्य आगे नहीं बढ़ सका. इस राज्य को जितनी तरक्की करनी चाहिए थी, उतनी नहीं कर सकी. अब समय आ गया है कि लोग एकजुट हो कर विकास के नाम पर आगे बढ़ें. राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है : एके सिंहपूर्व मुख्य सचिव (सेवानिवृत्त) एके सिंह ने झारखंड में सबसे बड़ी बाधा अस्थिर सरकारों को माना है. उन्होंने कहा कि झारखंड बनने के बाद लोगों ने सीएम को बेचारा बना दिया. जब तब व्यक्तिगत कारणों से सरकार गिराने की धमकी. सरकारें भी गिरीं, फिर बनीं. अस्थिर सरकार ने अस्थिर प्रशासन को जन्म दिया. जिसके चलते आज राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. इसकी एक बड़ी वजह अधिकारियों का बार-बार तबादला किया जाना है. उन्होंने कहा कि 11 साल के झारखंड में उनका 19 बार तबादला किया गया. उनका तबादला तीन घंटे से लेकर तीन साल में किया गया. बीडीओ का तबादला छह माह में कैसे हो जाता है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों की लगाम सरकार के पास होती है. उनका सीआर मंत्रियों को लिखना होता है, पर कभी कोई मंत्री बताये कि कब उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ लिखा है. श्री सिंह ने कहा : कहा जाता है कि अधिकारी बेलगाम हो गये हैं पर लगाम तो सरकार के हाथ में ही है. पदाधिकारियों का वार्षिक मूल्यांकन सही तरीके से नहीं हो पाता. उन्होंने कहा कि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. 14 साल के झारखंड में केवल तीन बार जेपीएससी परीक्षा हुई है. उसमें भी तीन को नीलाम कर दिया गया. जबकि केंद्र में इसी दौरान 14 बार यूपीएससी की परीक्षा हो चुकी है. दारोगा परीक्षा में सरकार कहती है कि गलती हुई है, तो क्या केवल चयनित दारोगा की ही गलती थी. उनके चयन करने वालों की कोई गलती नहीं थी. उन्होंने कहा कि चपरासी, फॉरेस्ट गार्ड, कांस्टेबल की बहाली नहीं हो रही है, क्योंकि बहाली की फीस तय नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि पूरे हिंदुस्तान में दूसरा कोई राज्य नहीं है जहां राष्ट्रीय योजनाओं की राशि सरेंडर होती हो. झारखंड ही एक ऐसा राज्य है जहां केंद्रीय योजनाओं के हर साल 10 से 15 हजार करोड़ रुपये सरेंडर हो जाते हैं. यह ऐसा राज्य है जहां आज तक सभी प्रखंडों में बीडीओ और अंचलों में सीओ का पदस्थापन नहीं हो पाया है. कहा जाता है कि ये गलती पदाधिकारियों की है. पदाधिकारी बंदर होते हैं पर उनका डोर किसके पास होती है. श्री सिंह ने कहा कि जनता राजनीतिकों से हिसाब मांगेगी, पदाधिकारियों से नहीं. उन्होंने कहा कि क्या झारखंड में एक भी अस्पताल ऐसा है जहां सारी सुविधा उपलब्ध हो. गुजरात में पांच मिनट भी बिजली नहीं कटती क्या यह झारखंड में असंभव है? उन्होंने कहा कि झारखंड में भूमि अधिग्रहण समस्या नहीं है. राज्य की सबसे बड़ी समस्या भ्रष्टाचार है. विजन डॉक्यूमेंट पर डॉ शीन अख्तर, डॉ संजय बसु मल्लिक, डॉ मजीद आलम, मनोज तिवारी ने भी सुझाव दिये. स्वागत भाषण डॉ देवशरण भगत ने दिया व धन्यवाद ज्ञापन प्रभाकर तिर्की ने किया. मंच संचालन अजय मलकानी ने किया. कार्यक्रम में आजसू के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ से कई लोग उपस्थित थे.

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