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देश में सिर्फ झारखंड के पास ही है प्राइवेट क्लाउड डाटा सिस्टम, आज झारखंड पुलिस को मिलेगा पुरस्कार
रांची : केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गुजरात के केवाडिया में आयोजित पुलिस टेक्नोलॉजी एग्जीबिशन में झारखंड पुलिस को अलग पहचान मिली है. यह पहचान झारखंड पुलिस द्वारा ईजाद किये गये ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम अौर प्राइवेट क्लाउड डाटा सिस्टम के लिए मिली है. ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम के लिए बुधवार को झारखंड पुलिस को पुरस्कृत किया जायेगा. […]
रांची : केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गुजरात के केवाडिया में आयोजित पुलिस टेक्नोलॉजी एग्जीबिशन में झारखंड पुलिस को अलग पहचान मिली है. यह पहचान झारखंड पुलिस द्वारा ईजाद किये गये ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम अौर प्राइवेट क्लाउड डाटा सिस्टम के लिए मिली है. ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम के लिए बुधवार को झारखंड पुलिस को पुरस्कृत किया जायेगा. नक्सल अभियान, शक्ति एेप, डायल 100, इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम और इलेक्शन की प्लानिंग में ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम कारगर है.
इसी तरह प्राइवेट क्लाउड डाटा सिस्टम भी है जिसे झारखंड पुलिस ने बनाया है. देश की यह पहली पुलिस है जिसके पास यह सिस्टम है. इसमें किसी दूसरे संस्थान का योगदान नहीं है. इस सिस्टम के जरिये 20 से 22 कंप्यूटर का एक पुल बनाया गया है, जो 400 सर्वर के समतुल्य काम करता है. नेटवर्किंग, मेमोरी का अधिकतम उपयोग किया जाता है. इस सिस्टम को तैयार करने में ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है. इससे इस सिस्टम को तैयार करने में काफी कम लागत आयी है.
एग्जीबिशन में झारखंड सहित 12 राज्यों और नौ इंफोर्समेंट एजेंसियां भाग ले रही हैं. एग्जीबिशन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्तूबर को किया था. एग्जीबिशन छह नवंबर तक चलेगा. इसमें झारखंड पुलिस की तकनीकी टीम ने एक एेप भी पेश किया है, जिसे स्मार्ट फोन के माध्यम से आम जनता और पुलिस दोनों ही उपयोग कर सकते हैं.
अनुसंधान के क्षेत्र में झारखंड कॉप एेप का निर्माण भी किया है. इसकी मदद से अनुसंधानकर्ता को कांडों के बारे में वास्तविक स्थिति की जानकारी एक क्लिक में मिल जाती है. गुजरात में आयोजित एग्जीबिशन में झारखंड पुलिस का नेतृत्व विशेष शाखा के डीआइजी अखिलेश झा कर रहे हैं. इनकी टीम में डीएसपी सुमित लकड़ा, एसआइ प्रभात कुमार, वायरलेस के एसआइ अजय कुमार साह व डाटा सेंटर के गुंजन कुमार, धनेश कुमार व तरुण स्वेण शामिल हैं.
एग्जीबिशन में झारखंड पुलिस की टीम के स्टॉल को काफी अच्छा रिस्पांस मिला है. दूसरे राज्यों की पुलिस ने झारखंड पुलिस के कार्यों को काफी सराहा है. साथ ही अनुरोध किया है कि जो तकनीक झारखंड पुलिस ने विकसित की है उस तरह की तकनीक विकसित करने में उन्हें भी सहयोग करें.
केएन चौबे, डीजीपी, झारखंड
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