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बीच सत्र में बदली किताब, कहा : एक्सट्रा क्लास लें

रांची : इंटरमीडिएट (11वीं) में सत्र 2019-20 से संस्कृत की किताब बदल दी गयी है. झारखंड काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (जेसीइआरटी) के निदेशक ने इस संबंध में झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के अध्यक्ष को पत्र भेजा है. साथ ही विद्यार्थियों का सिलेबस पूरा कराने के लिए एक्सट्रा क्लास चलाने को भी कहा है. […]

रांची : इंटरमीडिएट (11वीं) में सत्र 2019-20 से संस्कृत की किताब बदल दी गयी है. झारखंड काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (जेसीइआरटी) के निदेशक ने इस संबंध में झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के अध्यक्ष को पत्र भेजा है.

साथ ही विद्यार्थियों का सिलेबस पूरा कराने के लिए एक्सट्रा क्लास चलाने को भी कहा है. जानकारी के अनुसार, हर साल संस्कृत के 12000 विद्यार्थी इंटर की परीक्षा में शामिल होते हैं. जैक अध्यक्ष को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2019-20 से शुरू हुई कक्षा 11वीं में एनसीइआरटी द्वारा तैयार संस्कृत की नयी किताब ‘शाश्वती-1’ से बच्चों को पढ़ाया जाये.
कहा गया है कि जेसीइआरटी द्वारा अब यह पुस्तक उपलब्ध कराना संभव नहीं है. इस संबंध में जैक को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है. वहीं, फिलहाल 12वीं में पढ़ रहे विद्यार्थी पूर्व की भांति जैक की अनुशंसा के अनुरूप ‘ऋतिका पाठ्य पुस्तक’ से ही पढ़ाई करेंगे. वर्ष 2019-20 के लिए 12वीं की छात्राओं को नि:शुल्क दी गयी संस्कृत की नयी किताब वापस लेने को कहा गया है. यह किताब अगले वर्ष 12वीं की छात्राओं को दी जायेगी.
यह है मामला : सरकार कक्षा 11वीं व 12वीं की छात्राओं को नि:शुल्क किताबें देती है. इस वर्ष भी किताबें दी गयीं, पर संस्कृत की जो किताब दी गयी, उसकी पढ़ाई विद्यालयों में नहीं होती थी. ऐसे में जेसीइआरटी ने कक्षा 11वीं में किताब बदलने का निर्णय लिया. वहीं, इंटर सत्र 2018-20 में विद्यार्थियों ने 11वीं की पढ़ाई पुरानी किताब से की थी व इंटर की परीक्षा फरवरी में होनी है, इस कारण 12वीं में पुरानी किताब से ही पढ़ाई कराने का निर्देश दिया गया.
उल्लेखनीय है कि राज्य में इंटर स्तर पर सीबीएसइ द्वारा तैयार की गयी संस्कृत की पाठ्य पुस्तक की पढ़ाई होती है, जबकि इस वर्ष जेसीइआरटी ने एनसीइआरटी द्वारा तैयार संस्कृत की किताब का वितरण कर दिया. इस कारण बीच सत्र में किताब बदलनी पड़ी.
जेसीइआरटी निदेशक ने जैक अध्यक्ष व डीइओ को भेजा पत्र
छात्रों को खुद खरीदनी होगी किताब
जेसीइआरटी द्वारा केवल छात्राओं को नि:शुल्क किताब दी जाती है. छात्र अपने स्तर से किताब खरीद कर पढ़ते हैं. 11वीं का सत्र जुलाई में शुरू हुआ. ऐसे में छात्र पुराने पाठ्यक्रम पर आधारित किताब खरीद चुके हैं. पुरानी किताब से पढ़ाई भी कर चुके हैं. अब उन्हें नये पाठ्यक्रम पर आधारित किताब खरीद कर पढ़नी होगी. इधर, शिक्षकों का कहना है कि बाजार में किताब आसानी से मिलती भी नहीं है. बीच सत्र में किताब बदलने से काफी परेशानी होगी.
किताब नहीं, पैसे मिलेंगे
नयी व्यवस्था के तहत सरकार अगले सत्र से 11वीं और 12वीं की छात्राओं को किताबें के बजाय उसकी राशि सीधे उनके बैंक खाते में डालेगी. वहीं, 9वीं व 10वीं की छात्राओं को हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की किताबें ही नि:शुल्क दी जायेंगी.

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