कट ऑफ डेट 1952 करने की मांगरांची . झारखंड जनाधिकार पार्टी (झाजपा) ने सरकार को पार्टी की ओर से तैयार प्रारूप सौंप दिया है. झाजपा के संरक्षक रतन तिर्की ने बताया कि कट ऑफ डेट को लेकर पार्टी की राय बता दी गयी है. स्थानीय व्यक्ति को परिभाषित करने के लिए 1952 कट ऑफ डेट माना जाये. कट ऑफ डेट 1932 या 1985 नहीं होना चाहिए. पहली बार 1952 में वोटर लिस्ट बना था. इसी को आधार बनाया जा सकता है. इससे भूमिहीन लोग भी स्थानीय नीति के दायरे में आ जायेंगे. उन्होंने कहा है कि झारखंडी उसी को माना जाना चाहिए जो यहां की भाषा, संस्कृति, पहचान और जल जंगल के साथ-साथ पारंपरिक मान्यताओं को जानते हों. श्री तिर्की ने कहा कि स्थानीय नीति को कुछ दल केवल नियोजन से जोड़ कर देख रहे हैं. स्थानीय नीति पांचवीं सूची के अंतर्गत मालिकाना हक से जोड़ कर देखा जाना चाहिए.
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झाजपा ने सरकार को स्थानीयता का प्रारूप सौंपा (आवश्यक)
कट ऑफ डेट 1952 करने की मांगरांची . झारखंड जनाधिकार पार्टी (झाजपा) ने सरकार को पार्टी की ओर से तैयार प्रारूप सौंप दिया है. झाजपा के संरक्षक रतन तिर्की ने बताया कि कट ऑफ डेट को लेकर पार्टी की राय बता दी गयी है. स्थानीय व्यक्ति को परिभाषित करने के लिए 1952 कट ऑफ डेट […]
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